जयपुर। राजस्थान की एसीबी मामलों की विशेष अदालत ने आज एक अहम निर्णय में BAP विधायक जय कृष्ण पटेल की जमानत याचिका खारिज कर दी। जय कृष्ण पटेल को विधानसभा में प्रश्न डिलीट कराने के एवज में रिश्वत मांगने के गंभीर आरोपों में एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) ने गिरफ्तार किया था।
अदालत ने अपने आदेश में कहा कि जय कृष्ण पटेल एक निर्वाचित जनप्रतिनिधि हैं, जिन पर जनता के मुद्दे विधानसभा में उठाने और उनके हितों की रक्षा करने की संवैधानिक जिम्मेदारी है। लेकिन इस प्रकार के भ्रष्टाचार के आरोप उनके पद की गरिमा और लोकतांत्रिक प्रणाली पर सीधा आघात करते हैं।
विशेष न्यायाधीश ने यह भी टिप्पणी की कि यदि ऐसे व्यक्ति को जमानत दी जाती है तो इससे समाज में गलत संदेश जाएगा और लोक व्यवस्था पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है।
इसके अलावा, अदालत ने यह भी माना कि पटेल वर्तमान में विधायक हैं, और इस कारण से वे जांच को प्रभावित करने की स्थिति में भी हैं, जिससे न्यायिक प्रक्रिया बाधित हो सकती है।
ACB ने जय कृष्ण पटेल के खिलाफ ठोस प्रमाण प्रस्तुत करते हुए यह तर्क दिया था कि उन्होंने विधानसभा में पूछे गए प्रश्नों को हटवाने के लिए रिश्वत मांगी थी, जो कि लोकतंत्र के मूल सिद्धांतों के खिलाफ है।
अब अदालत के इस निर्णय के बाद विधायक को फिलहाल न्यायिक हिरासत में रहना होगा। यह फैसला जनप्रतिनिधियों की जवाबदेही और पारदर्शिता को लेकर एक बड़ा संदेश माना जा रहा है।