जोधपुर स्थित एमबीएम विश्वविद्यालय में उस समय हड़कंप मच गया जब बीई सिविल इंजीनियरिंग थर्ड ईयर की परीक्षा के दौरान राज्य के कैबिनेट मंत्री और कानून मंत्री जोगाराम पटेल की पोती को नकल करते हुए पकड़े जाने का मामला सामने आया। विश्वविद्यालय की फ्लाइंग टीम द्वारा की गई औचक जांच में छात्रा के पास से कैलकुलेटर के कवर पर लिखे गए नोट्स बरामद हुए, जो परीक्षा के दौरान संदिग्ध सामग्री के रूप में दर्ज किए गए।
छात्रा की पहचान सार्वजनिक रूप से नहीं की गई है, लेकिन विश्वविद्यालय सूत्रों के अनुसार, वह जोगाराम पटेल की पोती बताई जा रही है। मामले के सार्वजनिक होने के बाद प्रशासन पर दबाव डालने और प्रकरण को दबाने के गंभीर आरोप लगे हैं। जैसे ही यह बात छात्रों तक पहुंची, कैंपस में भारी हंगामा हो गया और विद्यार्थियों ने विश्वविद्यालय परिसर के बाहर प्रदर्शन करते हुए निष्पक्ष जांच और कार्यवाही की मांग की।
इस पूरे घटनाक्रम पर मंत्री जोगाराम पटेल ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि "मेरे ऊपर राजनीतिक दबाव बनाने की कोशिश की जा रही है और मामले को बेवजह तूल दिया जा रहा है।" हालांकि, छात्र संगठनों और अन्य विद्यार्थियों का कहना है कि अगर किसी सामान्य छात्र को नकल करते हुए पकड़ा जाता, तो तुरंत सख्त कार्रवाई की जाती। इसलिए मंत्री की रिश्तेदार होने के चलते कोई भेदभाव नहीं होना चाहिए।
इस प्रकरण ने शैक्षणिक संस्थानों में निष्पक्षता और राजनीतिक हस्तक्षेप जैसे गंभीर मुद्दों को एक बार फिर उजागर कर दिया है।