राजस्थान हाईकोर्ट ने अदालती आदेशों की अनदेखी करने पर जलदाय विभाग के सीकर सर्किल के अधीक्षण अभियंता (Superintending Engineer) के कार्यालय को कुर्क करने का सख्त आदेश दिया है। अदालत ने यह भी निर्देश दिया कि एसई को उनके चैंबर में प्रवेश नहीं करने दिया जाए और उन्हें कार्यालय के बाहर बैठकर कार्य करने की व्यवस्था की जाए।
यह आदेश जस्टिस सुदेश बंसल की एकल पीठ ने मुकेश कुमार शर्मा व अन्य द्वारा दायर याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए दिया। याचिकाकर्ताओं ने जनता जल योजना के तहत कार्यरत पंप चालकों को न्यूनतम वेतन न मिलने की शिकायत की थी।
आदेशों की अवहेलना पर कोर्ट सख्त:
कोर्ट ने कहा कि अधीक्षण अभियंता ने जानबूझकर अदालती आदेश की अवहेलना की है। इससे पहले 21 अप्रैल 2025 को हाईकोर्ट ने एसई को निर्देश दिए थे कि वे आदेश की पालना करें या शपथ पत्र प्रस्तुत कर कारण बताएँ। बावजूद इसके न तो उन्होंने शपथ पत्र दाखिल किया और न ही अदालत में उपस्थित हुए।
इस व्यवहार को अदालत की अवमानना मानते हुए कोर्ट ने एसई को कारण बताओ नोटिस (contempt notice) जारी किया है और पूछा है कि क्यों न उन्हें दंडित किया जाए।