राजस्थान विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने मंगलवार को स्पष्ट किया कि विधायक कंवरलाल मीणा की विधानसभा सदस्यता को समाप्त करने के संबंध में राज्य के महाधिवक्ता से विधिक राय प्राप्त होते ही निर्णय लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि इस मामले में निष्पक्ष, विधि सम्मत और न्याय सम्मत कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी ताकि किसी भी जनप्रतिनिधि के साथ अन्याय न हो।
नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली के नेतृत्व में कांग्रेस विधायकों के एक प्रतिनिधिमंडल ने विधानसभा अध्यक्ष देवनानी से मुलाकात कर कंवरलाल मीणा की सदस्यता समाप्त करने की मांग की और इस संबंध में ज्ञापन भी सौंपा। इस पर स्पीकर ने विपक्ष को आश्वस्त किया कि सभी न्यायिक पहलुओं का गहन अध्ययन कर शीघ्र निर्णय लिया जाएगा।
विधानसभा अध्यक्ष देवनानी ने बताया कि कोर्ट के आदेश की तिथि को ही उन्होंने राज्य महाधिवक्ता को विधिक राय हेतु निर्देशित कर दिया था, और अब महाधिवक्ता की राय 1-2 दिन में आने की संभावना है।
समितियों में संशोधन पर स्पष्टीकरण:विधानसभा अध्यक्ष देवनानी ने यह भी स्पष्ट किया कि कांग्रेस विधायक नरेंद्र बुडानिया को समिति से हटाया नहीं गया है। बल्कि उनके अनुभवों को ध्यान में रखते हुए पिछड़े वर्ग कल्याण समिति का सभापति बनाया गया है। साथ ही तीन अन्य सभापतियों को भी स्थानांतरित किया गया है, जिससे यह परिवर्तन पूरी तरह संतुलित और सदन के हित में है।
सकारात्मक चर्चा हुई विपक्ष से:विधानसभा अध्यक्ष देवनानी और विपक्षी नेताओं के बीच बैठक में विधानसभा संचालन, प्रश्नों के उत्तर, कार्यदिवस, और समितियों की भूमिका सहित कई विषयों पर सकारात्मक और रचनात्मक चर्चा हुई। देवनानी ने कहा कि विपक्ष की बातें सुनी गई हैं और सदन की गरिमा एवं पारदर्शिता को बनाए रखते हुए हर पहलू पर विचार किया जाएगा।