कांग्रेस महासचिव और राजस्थान के पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट ने सोमवार को केंद्र सरकार की विदेश नीति, आतंकी हमलों की प्रतिक्रिया और हालिया ऑपरेशन सिंदूर के साथ-साथ राजनीतिक निष्पक्षता के मुद्दों पर तीखा बयान दिया। उन्होंने पाकिस्तान समर्थित आतंकवाद को देश की सबसे बड़ी चुनौती बताते हुए सरकार से इस पर स्पष्ट नीति और ठोस कदम उठाने की मांग की।
पायलट ने भारतीय सेना द्वारा हाल ही में किए गए ऑपरेशन सिंदूर की सराहना की और कहा कि हमारे वीर सैनिकों ने अद्वितीय साहस दिखाया है। उन्होंने इस कार्रवाई को आतंकवाद के खिलाफ निर्णायक कदम बताया और शहीदों व उनके परिवारों को सलाम किया।
पायलट ने सीजफायर प्रक्रिया पर भी सवाल उठाते हुए कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि युद्धविराम की घोषणा भारत की बजाय अमेरिका के राष्ट्रपति द्वारा की गई। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान ने कुछ ही घंटों में संघर्षविराम का उल्लंघन कर दिया, जिससे इसकी विश्वसनीयता पर प्रश्न उठते हैं।
पायलट ने अमेरिका और पाकिस्तान के बीच हो रहे व्यापारिक और सामरिक समझौतों पर चिंता जताई। उन्होंने कहा कि भारत की अर्थव्यवस्था पाकिस्तान से ग्यारह गुना बड़ी है, बावजूद इसके अमेरिका द्वारा पाकिस्तान को समर्थन दिया जाना भारत के लिए चिंताजनक है। उन्होंने मांग की कि सरकार यह स्पष्ट करे कि अमेरिका से क्या आश्वासन मिला है, और कश्मीर को वार्ता में क्यों नहीं उठाया गया।
राजनीतिक मोर्चे पर बोलते हुए पायलट ने कहा कि राहुल गांधी की सदस्यता 24 घंटे में रद्द की जा सकती है, तो सुप्रीम कोर्ट द्वारा दोषी ठहराए गए विधायक कंवरलाल मीणा के मामले में अब तक कोई कार्रवाई क्यों नहीं हुई? उन्होंने विधानसभा अध्यक्ष और सरकार पर निष्पक्षता न बरतने का आरोप लगाया।
शशि थरूर के विदेश दौरों और बयानों को लेकर पायलट ने कहा कि जो लोग अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत का प्रतिनिधित्व करते हैं, वे देश की सच्चाई भी बताते हैं। उन्होंने कटाक्ष करते हुए कहा कि अमेरिका जैसे देश आतंकवाद पर बयान जारी करते हैं, लेकिन ‘आतंकवाद’ शब्द तक नहीं इस्तेमाल करते, यह दुर्भाग्यपूर्ण है।
सचिन पायलट ने कहा कि आतंकवाद जैसे गंभीर विषयों पर केवल प्रवक्ताओं के बयान पर्याप्त नहीं हैं। उन्होंने सरकार से मांग की कि उच्च स्तर से स्पष्टीकरण जारी किया जाए और अमेरिका की किसी भी प्रकार की मध्यस्थता को अस्वीकार किया जाए। साथ ही उन्होंने यह भी दोहराया कि कांग्रेस देशहित में उठाए गए हर ठोस कदम का समर्थन करेगी, लेकिन सिर्फ भाषणबाज़ी से काम नहीं चलेगा, ठोस कार्रवाई ज़रूरी है।