डूंगरपुर (राजस्थान) से संबंध रखने वाली लेखिका, समाजसेवी और शिक्षाविद डॉ. हर्षा त्रिवेदी को भारतीय उच्च अध्ययन संस्थान (IIAS), राष्ट्रपति निवास, शिमला द्वारा प्रदान की जाने वाली राष्ट्रीय फेलोशिप (National Fellowship) के लिए चयनित किया गया है। यह फेलोशिप भारत सरकार के मानव संसाधन विकास मंत्रालय द्वारा दी जाती है और इसे देश की सर्वोच्च अकादमिक मान्यताओं में स्थान प्राप्त है।
देशभर से चयनित 17 विद्वानों की सूची में डॉ. त्रिवेदी को पांचवां स्थान प्राप्त हुआ है, जो उनकी शोध क्षमता, चिंतनशील दृष्टिकोण और विद्वता का प्रमाण है। यह फेलोशिप दो वर्षों की अवधि के लिए प्रदान की जाती है।
वर्तमान में डॉ. हर्षा दिल्ली स्थित विवेकानंद इंस्टीट्यूट ऑफ़ प्रोफेशनल स्टडीज़-टीसी में सहायक प्रोफेसर के पद पर कार्यरत हैं। वे नौ पुस्तकों की लेखिका हैं और उनके तीस से अधिक शोधपत्र राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय जर्नलों में प्रकाशित हो चुके हैं।
संयुक्त राष्ट्र संघ सहित कई वैश्विक मंचों पर उन्होंने भारत का प्रतिनिधित्व किया है, विशेष रूप से सनातन संस्कृति विषय पर। वे विप्र फाउंडेशन की इंटरनेशनल सोसाइटी फॉर परशुराम कॉन्शसनेस (ISPAC) की चेयरपर्सन भी हैं।
डॉ. हर्षा त्रिवेदी ने इस उपलब्धि का श्रेय माँ गायत्री, परिवार और गुरुजनों को देते हुए कहा भारतीय सनातन संस्कृति की दिव्य शक्ति से भारत निश्चित ही पुनः विश्वगुरु बनेगा।”
उनकी यह सफलता युवा शोधार्थियों, विशेष रूप से बेटियों के लिए प्रेरणा का स्रोत बन रही है।