राजस्थान में मुख्यमंत्री दुग्ध उत्पादक संबल योजना के तहत दूध पर ₹5 प्रति लीटर का अनुदान और मिड-डे मील योजना के अंतर्गत दूध पाउडर की आपूर्ति के लिए भुगतान में छह महीने की देरी ने दुग्ध उत्पादकों और डेयरियों को आर्थिक संकट में डाल दिया है। अजमेर डेयरी का अकेले ₹36 करोड़ का अनुदान और ₹60 करोड़ का मिड-डे मील भुगतान राज्य सरकार से लंबित है।
अजमेर डेयरी के अध्यक्ष रामचंद्र चौधरी के अनुसार, इस भुगतान में देरी के कारण दुग्ध संग्रहण में गिरावट आ रही है, जिससे राजस्थान दुग्ध संकलन में देश में दूसरे स्थान पर आ गया है। उन्होंने बताया कि बकाया भुगतान की मांग को लेकर पशुपालक 2 जून को मुख्यमंत्री निवास जयपुर पर राज्यव्यापी धरना देंगे, जिसमें प्रदेशभर के दुग्ध उत्पादक और पशुपालक शामिल होंगे।
चौधरी ने स्पष्ट किया कि इन बकाया भुगतानों के लिए राजस्थान को-ऑपरेटिव डेयरी फेडरेशन (RCDF) नहीं बल्कि राज्य सरकार जिम्मेदार है। इस स्थिति का लाभ उठाकर कुछ निजी डेयरियां किसानों के बीच यह भ्रम फैला रही हैं कि अब ₹5 का अनुदान बंद हो गया है। सरकार ने 13 मई तक दो महीने के भुगतान का वादा किया था, जिसे अभी तक पूरा नहीं किया गया है।
इसके अलावा, प्रदेश के विभिन्न दूध संघों में RCDF में वर्षों से लगभग 2,500 पद रिक्त पड़े हैं, जिससे संघों का संचालन प्रभावित हो रहा है। चौधरी ने इन पदों पर शीघ्र भर्ती की मांग की है।