राजस्थान विधानसभा में समितियों के सभापतियों के अचानक और त्वरित परिवर्तन पर विपक्ष ने गंभीर आपत्ति जताई है। नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने 15 मई को जारी बुलेटिन में वरिष्ठ विधायक नरेन्द्र बुडानिया को विशेषाधिकार समिति के सभापति पद से हटाकर पिछड़ा वर्ग कल्याण समिति का सभापति नियुक्त किए जाने को विधानसभा की संवैधानिक परंपराओं के विपरीत बताया है।
जूली का कहना है कि बिना किसी स्पष्ट कारण के मात्र 15 दिनों में इस प्रकार का बदलाव न केवल असंवैधानिक है, बल्कि वरिष्ठ विधायकों के विशेषाधिकार का हनन भी है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि बुलेटिन में समितियों के कार्यकाल का उल्लेख नहीं किया गया है, जो नियमों के उल्लंघन के समान है।
नेता प्रतिपक्ष ने यह भी स्पष्ट किया कि किसी भी विधायक को समिति का सभापति नियुक्त करने से पहले उसे उस समिति का सदस्य बनाना आवश्यक होता है, जो इस मामले में नहीं किया गया। उन्होंने इस मुद्दे पर कानूनी सलाह लेकर विधानसभा अध्यक्ष के समक्ष अपना पक्ष रखने की बात कही है।
नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने समितियों में सभापतियों के त्वरित परिवर्तन पर आपत्ति जताई।नरेन्द्र बुडानिया को विशेषाधिकार समिति से हटाकर पिछड़ा वर्ग कल्याण समिति का सभापति बनाया गया।बुलेटिन में समितियों के कार्यकाल का उल्लेख नहीं किया गया, जो नियमों के उल्लंघन के समान है।किसी विधायक को समिति का सभापति नियुक्त करने से पहले उसे उस समिति का सदस्य बनाना आवश्यक होता है।