Tuesday, 13 May 2025

राज ऋषि भर्तृहरि मत्स्य विश्वविद्यालय का पंचम दीक्षांत समारोह, राज्यपाल बागडे बोले-नई शिक्षा नीति भारतीय संस्कृति और ज्ञान परंपरा की संवाहक


राज ऋषि भर्तृहरि मत्स्य विश्वविद्यालय का पंचम दीक्षांत समारोह, राज्यपाल बागडे बोले-नई शिक्षा नीति भारतीय संस्कृति और ज्ञान परंपरा की संवाहक

राज ऋषि भर्तृहरि मत्स्य विश्वविद्यालय, अलवर का पंचम दीक्षांत समारोह मंगलवार को भव्य रूप से आयोजित किया गया। समारोह के मुख्य अतिथि राज्यपाल एवं कुलाधिपति हरिभाऊ बागडे ने कहा कि विश्वविद्यालय केवल डिग्री देने के केंद्र नहीं बल्कि ज्ञान के पुंज होते हैं। उन्होंने कहा कि नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति भारत की संस्कृति और ज्ञान परंपरा की संवाहक है तथा विद्यार्थियों के समग्र विकास पर केंद्रित है।

राज्यपाल ने छात्राओं के उत्कृष्ट प्रदर्शन पर प्रसन्नता जताई और कहा कि समाज में महिलाओं की भागीदारी हर क्षेत्र में बढ़ रही है। उन्होंने कहा कि आज केवल परीक्षा पास करना पर्याप्त नहीं, बल्कि युवाओं को हुनरमंद बनना होगा। इसी क्रम में उन्होंने विद्यार्थियों से पर्यावरण संरक्षण की भी अपील की और कहा कि हर छात्र विश्वविद्यालय परिसर में एक पौधा लगाकर उसका पालन-पोषण करें। उन्होंने विश्वविद्यालय परिसर में पौधारोपण कर इस संदेश को प्रत्यक्ष रूप में प्रस्तुत किया।

समारोह में उपस्थित उपमुख्यमंत्री एवं उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. प्रेमचंद बैरवा ने उपाधियाँ प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि दीक्षांत समारोह केवल डिग्री वितरण नहीं बल्कि राष्ट्र निर्माण में युवाओं को प्रेरित करने का अवसर भी होता है।

पर्यावरण एवं वन राज्यमंत्री संजय शर्मा ने युवाओं से मेहनत, लगन और दृढ़ निश्चय के साथ अपने लक्ष्य को प्राप्त करने और देश सेवा में योगदान देने का आह्वान किया।

नेता प्रतिपक्ष एवं स्थानीय विधायक टीकाराम जूली ने विश्वविद्यालय में शोध कार्यों के लिए विधायक कोष से आर्थिक सहयोग देने की घोषणा की और विद्यार्थियों को उज्ज्वल भविष्य की शुभकामनाएं दीं।

शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास के राष्ट्रीय सचिव डॉ. अतुल कोठारी ने कहा कि “दीक्षांत” शब्द जीवन में ज्ञान के एक महत्वपूर्ण पड़ाव का प्रतीक है और यह शिक्षा को केवल औपचारिकता नहीं बल्कि गुरुकुल परंपरा से जुड़े मूल्यों के साथ देखने का समय है।

इस अवसर पर कुलगुरु प्रो. शील सिंधू पांडे ने विश्वविद्यालय की प्रगति रिपोर्ट प्रस्तुत की। उन्होंने बताया कि विश्वविद्यालय परिसर ग्राम हल्दीना में ₹6175 लाख की लागत से नवीन अकादमिक भवन, छात्रावास, खेल मैदान, अतिथि गृह और आवासीय भवनों का निर्माण प्रगतिरत है।

समारोह में परीक्षा वर्ष 2024 के लिए कुल 42,742 उपाधियां प्रदान की गईं। इनमें से 72 पीएचडी शोधार्थियों को डिग्री और 46 विद्यार्थियों को पदक दिए गए। जिनमें 1 कुलाधिपति पदक, 39 स्वर्ण पदक और 6 रजत पदक शामिल हैं।

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