पूर्व उपमुख्यमंत्री और कांग्रेस महासचिव सचिन पायलट ने भारत-पाकिस्तान के बीच हुए युद्धविराम पर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा की गई घोषणा पर गंभीर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा कि अमेरिका ने किन शर्तों पर यह घोषणा की, यह स्पष्ट नहीं है और बेहद चिंताजनक है। साथ ही उन्होंने 1994 में संसद द्वारा पारित POK (पाक अधिकृत कश्मीर) को वापस लेने वाले प्रस्ताव को दोहराने की मांग की है।
दिल्ली स्थित कांग्रेस मुख्यालय में रविवार को हुई प्रेस कॉन्फ्रेंस में सचिन पायलट ने कहा कि पिछले कुछ दिनों में सरहद पर कई भारतीय नागरिकों ने जान गंवाई है। कांग्रेस पार्टी की ओर से मैं उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं और भारतीय सेना के शौर्य को सलाम करता हूं। हमारी सेना ने फिर दिखा दिया कि वह विश्व की सर्वश्रेष्ठ सेनाओं में से एक है।
सीजफायर की घोषणा ट्रंप द्वारा—हैरान करने वाला घटनाक्रम: सचिन पायलट ने अमेरिकी राष्ट्रपति की भूमिका पर सवाल उठाते हुए कहा कि पिछले 24 घंटे में घटनाक्रम तेजी से बदला है। यह पहली बार हुआ है कि भारत-पाकिस्तान के बीच युद्धविराम की घोषणा अमेरिका के राष्ट्रपति द्वारा सोशल मीडिया पर की गई। इस तरह किसी तीसरे देश का दखल और मसले का अंतरराष्ट्रीयकरण चौंकाने वाला है।
1994 के संसद प्रस्ताव को दोहराने की मांग: सचिन पायलट ने दो टूक कहा कि 1994 में कांग्रेस सरकार के दौरान संसद में सर्वसम्मति से POK को भारत में पुनः शामिल करने का प्रस्ताव पारित हुआ था। अब समय आ गया है कि उस प्रस्ताव को दोहराया जाए। मोदी सरकार को विशेष संसद सत्र बुलाना चाहिए ताकि यह स्पष्ट संदेश जाए कि पाकिस्तान की हरकतों और आतंकवाद के खिलाफ देश एकजुट है।"
मुख्य बिंदु:
सचिन पायलट ने अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप के युद्धविराम ऐलान पर सवाल खड़े किए।
सोशल मीडिया के जरिए सीजफायर की घोषणा को बताया असाधारण।
सेना के पराक्रम की सराहना, शहीद नागरिकों को दी श्रद्धांजलि।
विशेष संसद सत्र बुलाकर 1994 का POK प्रस्ताव दोहराने की मांग
पिछले 24 घंटों में पूरा घटनाक्रम बहुत तेजी से बदला है। हम सभी को आश्चर्य हुआ कि भारत और पाकिस्तान के बीच सीजफायर की घोषणा अमेरिका के राष्ट्रपति ने की।
— Congress (@INCIndia) May 11, 2025
यह शायद पहली बार हुआ है, जब सीजफायर की घोषणा सोशल मीडिया के ज़रिए अमेरिका के राष्ट्रपति करते हैं। उन्होंने जो अपने सोशल मीडिया… pic.twitter.com/V3jyH8gktX