Saturday, 10 May 2025

237 करोड़ के कथित विज्ञापन घोटाले में सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई: भजनलाल सरकार ने गहलोत कार्यकाल की जांच को लेकर दाखिल की अपील


237 करोड़ के कथित विज्ञापन घोटाले में सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई: भजनलाल सरकार ने गहलोत कार्यकाल की जांच को लेकर दाखिल की अपील

राजस्थान में गहलोत सरकार के कार्यकाल के दौरान हुए 237 करोड़ रुपए के कथित विज्ञापन घोटाले की जांच को लेकर शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। जस्टिस दीपांकर दत्ता और जस्टिस मनमोहन की बेंच ने राज्य सरकार द्वारा दाखिल अपील पर विचार किया, जिसमें घोटाले की जांच को पुनः जारी रखने की मांग की गई है।

मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की सरकार ने इस गंभीर आर्थिक अनियमितता की जांच को आगे बढ़ाने के लिए सुप्रीम कोर्टका दरवाजा खटखटाया है। उल्लेखनीय है कि पूर्ववर्ती गहलोत सरकार ने इस मामले में जांच को बंद करने के आदेश दिए थे, जिसे भजनलाल सरकार ने सत्ता में आने के बाद चुनौती दी।

राजस्थान हाईकोर्ट ने पुनरीक्षण याचिकाएं वापस लेने के सरकार के प्रयास को खारिज करते हुए ₹1 लाख का जुर्माना भी लगाया और टिप्पणी की कि “राज्य की नीतियां राजनीतिक सत्ता परिवर्तन के अनुसार नहीं बदलनी चाहिए।” इस आदेश को भी सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई है।

घोटाले का विवरण: एसीबी की प्रारंभिक जांच और चार एफआईआर के अनुसार, क्रेयॉन्स एडवर्टाइजिंग लिमिटेड और उसके निदेशक अजय चोपड़ा ने जनसंपर्क, नगरीय विकास और निवेश संवर्धन विभाग के कुछ अधिकारियों से मिलीभगत कर बिना टेंडर प्रक्रिया के फर्जी बिलों के आधार पर करोड़ों रुपए का भुगतान हासिल किया।

जांच में सामने आया कि वर्ष 2008 से 2013 के बीच कुल विज्ञापन कार्य का 90% हिस्सा एक ही एजेंसी को सौंपा गया, जिससे सरकारी खरीद नियमों का खुला उल्लंघन हुआ। नकली समझौते, केबल ऑपरेटरों के नाम पर झूठे दस्तावेज और बिलों के माध्यम से सरकार को भारी नुकसान पहुंचाया गया।

भाजपा सरकार का दावा है कि इस पूरे घोटाले की निष्पक्ष जांच जरूरी है, जिससे जनता का पैसा लौटाया जा सके और दोषियों को सजा मिले।

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