प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को दिल्ली स्थित भारत मंडपम में आयोजित एबीपी न्यूज समिट में देश की जलनीति को लेकर बड़ा बयान दिया। उन्होंने कहा कि दशकों से भारत की नदियों का पानी विवाद और झगड़ों का कारण बना रहा है, लेकिन अब केंद्र सरकार ने नदियों को जोड़ने और जल संरक्षण को लेकर ऐतिहासिक निर्णय लिए हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि पहले भारत के हक का पानी भी देश से बाहर चला जाता था, लेकिन अब यह पानी भारत के हक में बहेगा, भारत में रुकेगा और देश के विकास में काम आएगा।
यह बयान ऐसे समय में आया है जब जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव चरम पर है। इस हमले के बाद भारत सरकार ने सिंधु जल संधि को निलंबित करने सहित कई सख्त कदम उठाए हैं। प्रधानमंत्री मोदी का यह बयान संकेत देता है कि भारत अब सिंधु नदी समेत अपनी जल संसाधनों पर पूर्ण नियंत्रण की दिशा में आगे बढ़ रहा है।
प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि मीडिया में इन दिनों पानी को लेकर खूब चर्चाएं हो रही हैं और सरकार इस गंभीर विषय पर लंबे समय से ठोस रणनीति बना रही है। नदियों को जोड़ने की परियोजनाएं केवल विकास का माध्यम नहीं हैं, बल्कि जल संकट से जूझते देश के कई राज्यों के लिए जीवनदायिनी बनेंगी।