न्यूयॉर्क/नई दिल्ली।भारत-पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव को लेकर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) में सोमवार देर रात बंद कमरे में एक गोपनीय बैठक हुई। यह बैठक पाकिस्तान के अनुरोध पर आयोजित की गई थी, जिसका उद्देश्य दक्षिण एशिया में शांति बनाए रखने को लेकर संवाद करना था।
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की बैठक के बाद UNSC की ओर से कोई आधिकारिक बयान या प्रस्ताव जारी नहीं किया गया। बैठक में सुरक्षा परिषद के सभी 15 सदस्य देशों के प्रतिनिधि मौजूद थे। करीब डेढ़ घंटे तक चली इस अनौपचारिक बैठक में सिंधु जल समझौता, कश्मीर मुद्दा, और भारत द्वारा कथित सैन्य तनाव बढ़ाने के आरोपों पर चर्चा हुई।
यूएन में पाक प्रतिनिधि इफ्तिखार अहमद ने बैठक के बाद मीडिया से कहा कि “यह चर्चा पाकिस्तान के उद्देश्य को पूरा करने में सफल रही। हमारा मकसद तनाव कम करने की दिशा में वैश्विक ध्यान आकर्षित करना था।” उन्होंने भारत पर 23 अप्रैल को “गैरकानूनी और भड़काऊ कदम” उठाने का आरोप लगाया और कहा कि पाकिस्तान शांति का पक्षधर है, लेकिन अपनी संप्रभुता की रक्षा के लिए पूरी तरह तैयार है।
कश्मीर मुद्दा – पाक ने इसे अंतरराष्ट्रीय कानूनों और शांतिपूर्ण वार्ता के ज़रिए सुलझाने की मांग की।
सिंधु जल समझौता – भारत द्वारा इसे “एकतरफा स्थगित” किए जाने की निंदा की।
आतंकी हमलों में भूमिका के आरोप – पाक ने भारत द्वारा लगाए गए आरोपों को सिरे से खारिज किया।
सैन्य जमावड़ा और बयानबाज़ी – भारत पर क्षेत्रीय तनाव बढ़ाने के आरोप लगाए।
भारत के पूर्व स्थायी प्रतिनिधि सैयद अकबरुद्दीन ने कहा कि “UNSC की इस बैठक से किसी ठोस परिणाम की अपेक्षा नहीं की जानी चाहिए।” उन्होंने इसे पाकिस्तान की “प्रोपेगेंडा गढ़ने की कोशिश” करार दिया और कहा कि भारत इसका उचित जवाब देगा।
हाल ही में जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में आतंकी हमले में 26 लोगों की मौत हुई थी, जिससे भारत-पाक के बीच तनाव बढ़ा।
भारत ने सिंधु जल समझौता स्थगित करने और पाक नागरिकों के लॉन्ग टर्म वीजा रद्द करने जैसे निर्णय लिए।
पाकिस्तान ने इस संदर्भ में UNSC से बंद कमरे में आपात चर्चा की मांग की थी।
UNSC की गोपनीय बैठक बिना किसी सार्वजनिक बयान के समाप्त
पाक ने भारत पर सैन्य आक्रामकता और कूटनीतिक उल्लंघन के आरोप लगाए
भारत ने पाकिस्तान के रुख को प्रचारवादी करार दिया
दोनों देशों के बीच कूटनीतिक और सामरिक तनाव चरम पर