Sunday, 27 April 2025

मन की बात की 121वीं कड़ी – प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का संबोधन


मन की बात की 121वीं कड़ी – प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का संबोधन

दिल्ली | मेरे प्यारे देशवासियो, नमस्कार।

आज जब मैं आपसे ‘मन की बात’ कर रहा हूँ, तो मन में गहरी पीड़ा है। 22 अप्रैल को पहलगाम में हुई आतंकी वारदात ने देश के हर नागरिक को दुख पहुँचाया है। पीड़ित परिवारों के प्रति हर भारतीय के मन में गहरी संवेदना है।
भले वो किसी भी राज्य का हो, कोई भी भाषा बोलता हो, लेकिन वो उन लोगों के दर्द को महसूस कर रहा है, जिन्होंने इस हमले में अपने परिजनों को खोया है।
हर भारतीय का खून, आतंकी हमले की तस्वीरों को देखकर खौल रहा है।
यह हमला आतंक के सरपरस्तों की हताशा और कायरता को दर्शाता है। जब कश्मीर में शांति लौट रही थी, निर्माण कार्य हो रहे थे, लोकतंत्र मजबूत हो रहा था, पर्यटकों की संख्या बढ़ रही थी, तब देश के दुश्मनों ने इस साजिश को अंजाम दिया। आतंकवाद के खिलाफ इस निर्णायक लड़ाई में देश की एकता, 140 करोड़ भारतीयों की एकजुटता, हमारी सबसे बड़ी ताकत है। हमें संकल्पों को और मजबूत करना है और दृढ़ इच्छाशक्ति का प्रदर्शन करना है।

वैश्विक एकजुटता:भारत में आक्रोश है और पूरी दुनिया में भी।दुनिया भर से संवेदनाएं आ रही हैं। Global leaders ने फोन किए हैं, पत्र भेजे हैं, संदेश भेजे हैं।पूरी दुनिया आतंकवाद के खिलाफ भारत के साथ खड़ी है। मैं पीड़ित परिवारों को भरोसा देता हूँ कि न्याय अवश्य मिलेगा और दोषियों को कठोरतम् जवाब दिया जाएगा।

डॉ. के. कस्तूरीरंगन को श्रद्धांजलि:दो दिन पहले हमने महान वैज्ञानिक डॉ. के. कस्तूरीरंगन जी को खो दिया। उनका योगदान भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम और राष्ट्रीय शिक्षा नीति में ऐतिहासिक रहा है। उनकी विरासत – innovation, talent और राष्ट्र सेवा – हमें हमेशा प्रेरित करती रहेगी। मैं उन्हें विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित करता हूँ।

अंतरिक्ष में भारत की उड़ान: इस अप्रैल माह में आर्यभट्ट सैटेलाइट की लॉन्चिंग के 50 साल पूरे हुए हैं।भारत आज एक Global Space Power बन चुका है। हमने चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर पहुँचने का इतिहास रचा।भारत दुनिया में सबसे cost-effective लेकिन सफल स्पेस प्रोग्राम का नेतृत्व कर रहा है। आज भारत में 350 से अधिक Space Startups काम कर रहे हैं।
आने वाले समय में भारत गगनयान, चंद्रयान-4, Venus Orbiter Mission और Mars Lander Mission जैसे मिशनों के माध्यम से नई ऊंचाइयों को छूने वाला है।

Operation Brahma - म्यांमार में भारत की सहायता:भूकंप के बाद भारत ने Operation Brahma चलाकर म्यांमार में राहत पहुँचाई। भारतीय टीमें जीवन बचाने में सफल रहीं। एक 70 वर्षीया बुजुर्ग महिला को 18 घंटे बाद मलबे से सुरक्षित निकाला गया। यह हमारे 'वसुधैव कुटुम्बकम्' के संस्कार का प्रतीक है।

प्रवासी भारतीयों का सेवा कार्य:इथियोपिया में प्रवासी भारतीय गंभीर हृदय रोग से पीड़ित बच्चों के इलाज के लिए उन्हें भारत ला रहे हैं।नेपाल और अफगानिस्तान को भी भारत ने वैक्सीन और दवाइयां भेजी हैं। भारत संकट के समय हमेशा मानवता के साथ खड़ा है।

‘सचेत ऐप’ - आपदा प्रबंधन के लिए एक कदम: National Disaster Management Authority (NDMA) द्वारा विकसित 'सचेत' ऐप प्राकृतिक आपदाओं के प्रति सतर्कता बढ़ाएगा।
यह ऐप क्षेत्रीय भाषाओं में भी उपलब्ध है। सभी देशवासियों से अनुरोध है कि इसका लाभ उठाएं।

भारत में विज्ञान और नवाचार का उत्साह:छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा जैसे इलाके में अब विज्ञान केंद्र बच्चों को सपने दिखा रहे हैं। गुजरात साइंस सिटी की गैलरियाँ भी युवाओं में विज्ञान के प्रति रुचि जगा रही हैं। भारत का युवा आज विज्ञान, टेक्नोलॉजी और नवाचार में नई ऊँचाइयाँ छू रहा है।

‘एक पेड़ माँ के नाम’ अभियान:5 जून को इस अभियान के एक वर्ष पूरे हो रहे हैं।अब तक 140 करोड़ से अधिक पेड़ लगाए जा चुके हैं। गुजरात के अहमदाबाद में लगाए गए 70 लाख से ज्यादा पेड़ों ने वातावरण में शीतलता बढ़ाई है। आओ, हम भी ‘एक पेड़ माँ के नाम’ अभियान का हिस्सा बनें।

खेती में नवाचार – असंभव को संभव बनाना:कर्नाटक के बागलकोट में श्री शैल तेली ने मैदानों में सेब उगाए। हिमाचल के किन्नौर में केसर की खेती शुरू हुई।राजस्थान के किसानों ने लीची उगाने में सफलता पाई।ये सभी उदाहरण दिखाते हैं कि कुछ भी असंभव नहीं है।

स्वतंत्रता संग्राम के प्रेरणापुंज

अप्रैल-मई माह हमारे स्वतंत्रता संग्राम से गहरे जुड़े हैं।

1917 का चंपारण सत्याग्रह (गांधी जी और डॉ. राजेन्द्र प्रसाद)

1919 का जलियाँवाला बाग नरसंहार

1857 का प्रथम स्वतंत्रता संग्राम (10 मई)

हमें इन प्रेरणाओं को सहेज कर, अमृतकाल के संकल्पों को पूरा करना है।

मन की बात’ की यह लंबी यात्रा आत्मीयता का एक अद्वितीय अनुभव बन चुकी है।
अगली बार हम फिर देश की विविधताओं, गौरवशाली परंपराओं और नई उपलब्धियों पर चर्चा करेंगे।
अपने सुझाव भेजते रहिए।

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