राजस्थान के चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री गजेन्द्र सिंह खींवसर ने हीटवेव (लू) के प्रबंधन को लेकर चिकित्सा तंत्र को अलर्ट मोड में काम करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि लू-तापघात से किसी भी जिले में जनहानि नहीं होनी चाहिए और सभी चिकित्सा अधिकारी प्रो-एक्टिव एप्रोच के साथ फील्ड में सक्रिय रहें।
मंगलवार को स्वास्थ्य भवन में आयोजित उच्च स्तरीय बैठक में चिकित्सा मंत्री ने प्रदेशभर की तैयारियों की समीक्षा की। उन्होंने कहा कि मेडिकल कॉलेज से लेकर सब-सेन्टर तक हर स्तर पर दवा, जांच, पंखे, कूलर, वाटर कूलर, एसी सहित सभी आवश्यक व्यवस्थाएं पुख्ता होनी चाहिए। यदि किसी अस्पताल में लापरवाही या संसाधनों की कमी पाई जाती है, तो प्रभारी अधिकारी की जिम्मेदारी तय की जाएगी।
🔸 रेपिड रेस्पॉन्स सिस्टम के तहत लू पीड़ितों को त्वरित राहत मिले
🔸 हीट स्ट्रोक मरीजों के लिए डेडिकेटेड वार्ड और चौबीसों घंटे कंट्रोल रूम सुचारु रूप से संचालित हों
🔸 एम्बुलेंसों में सभी जरूरी संसाधन उपलब्ध और क्रियाशील रखे जाएं
🔸 आरएमआरएस फंड या वैकल्पिक उपायों से आवश्यक संसाधनों की तत्काल व्यवस्था
🔸 हीटवेव-प्रभावित जिलों में विशेष सतर्कता और तैयारियां सुनिश्चित की जाएं
प्रमुख शासन सचिव गायत्री राठौड़ ने निर्देश दिए कि गर्मियों में बढ़ने वाले दूषित खानपान और खाद्य मिलावट के मामलों को रोकने के लिए सख्त निगरानी रखी जाए। सभी जिलों में खाद्य सुरक्षा मानकों की पालना अनिवार्य की जाए और जनता को स्वच्छ खानपान व जीवनशैली के लिए प्रेरित किया जाए।
बैठक में अतिरिक्त मिशन निदेशक एनएचएम डॉ. टी. शुभमंगला, निदेशक जनस्वास्थ्य डॉ. रवि प्रकाश शर्मा, निदेशक आरसीएच डॉ. सुनीत सिंह राणावत सहित सभी जिलों के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी VC के माध्यम से शामिल रहे।