नागौर जिले के राजकीय जेएलएन अस्पताल की स्पेशल न्यूबॉर्न केयर यूनिट (एसएनसीयू) ने एक बार फिर अपनी चिकित्सकीय दक्षता और समर्पण से कमाल किया है। जन्म के समय गंभीर रूप से कमजोर स्थिति में भर्ती कराए गए तीन जुड़वां नवजात शिशुओं को एसएनसीयू टीम ने नवजीवन दिया, जो एक बड़ी उपलब्धि मानी जा रही है।
निदेशक आरसीएच डॉ. सुनीत सिंह राणावत ने जानकारी दी कि तीनों नवजातों का जन्म 11 फरवरी को नागौर के एक निजी अस्पताल में हुआ था। जन्म के समय इनका वजन मात्र 910 ग्राम, 930 ग्राम और 960 ग्राम था, जिससे इनकी जान को गंभीर खतरा था। उन्हें राजकीय जेएलएन अस्पताल की एसएनसीयू में भर्ती कर विशेष चिकित्सा सेवा और देखभाल शुरू की गई।
परियोजना निदेशक बाल स्वास्थ्य डॉ. प्रदीप चौधरी ने बताया कि शिशुओं के फेफड़ों की स्थिति को सुधारने के लिए 'सर्फैक्टेंट थेरेपी' दी गई, जो निजी अस्पतालों में अत्यधिक महंगी होती है लेकिन एसएनसीयू में यह उपचार निःशुल्क उपलब्ध कराया गया। 67 दिन तक लगातार चली चिकित्सा में ऑक्सीजन सपोर्ट, संक्रमण नियंत्रण, पोषण प्रबंधन और माँ के दूध की नियमित व्यवस्था की गई।
डॉ. चौधरी के अनुसार अब तीनों शिशुओं की सेहत सुरक्षित है, वजन सामान्य स्तर तक पहुंच चुका है, और चिकित्सकों की निगरानी में उन्हें स्वस्थ घोषित किया गया है। उन्होंने बताया कि एसएनसीयू जैसी इकाइयां राजकीय अस्पतालों में निःशुल्क उन्नत नवजात देखभाल सेवाएं प्रदान कर रही हैं और कई परिवारों के लिए यह जीवनदान साबित हो रही हैं।
यह मामला दर्शाता है कि सरकारी स्वास्थ्य तंत्र द्वारा उपलब्ध कराई जा रही सुविधाएं अगर समर्पण और तकनीकी संसाधनों से संचालित हों, तो वे जीवन बचाने में किसी भी निजी अस्पताल से पीछे नहीं हैं।