राजस्थान हाईकोर्ट में सब-इंस्पेक्टर (एसआई) भर्ती मामले को लेकर 7 जुलाई, सोमवार को महत्वपूर्ण सुनवाई हुई। न्यायमूर्ति समीर चंद जैन की एकलपीठ ने मामले की सुनवाई के दौरान राज्य सरकार के रुख पर नाराजगी व्यक्त की और इसे गंभीरता से लिया। कोर्ट ने सरकार से स्पष्ट और तथ्यात्मक जवाब प्रस्तुत करने की अपेक्षा जताई।
सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ताओं की ओर से भर्ती प्रक्रिया में कथित अनियमितताओं, चयन में पारदर्शिता की कमी और कुछ चयनित अभ्यर्थियों की योग्यता पर सवाल उठाए गए। न्यायालय ने सभी पक्षों की दलीलें ध्यानपूर्वक सुनीं और कहा कि यह मामला युवाओं के भविष्य और प्रशासनिक निष्पक्षता से जुड़ा हुआ है, जिसे नजरअंदाज नहीं किया जा सकता।
सरकार ने कोर्ट में याचिकाकर्ताओं पर तथ्य छुपाने का लगाया आरोप, याचिका खारिज करने की मांग
राजस्थान में सब-इंस्पेक्टर (SI) भर्ती मामले को लेकर हाईकोर्ट में जारी सुनवाई के दौरान सरकार ने याचिकाकर्ताओं की मंशा और याचिका की वैधता पर गंभीर सवाल उठाए। सरकार की ओर से पेश अधिवक्ताओं ने अदालत को बताया कि याचिकाकर्ताओं ने पहले भर्ती प्रक्रिया में शामिल होने के बाद मेरिट में असफल रहने पर कोर्ट में पुनः याचिका दायर की है, जिसमें पिछली याचिका को छुपाया गया है।
सरकार ने यह भी तर्क दिया कि याचिकाकर्ताओं ने पूर्व में कैबिनेट सब कमेटी और अन्य जांच रिपोर्ट्स का हवाला देते हुए भर्ती रद्द करने की मांग की थी, लेकिन अब लेटेस्ट कैबिनेट सब कमेटी रिपोर्ट में स्पष्ट रूप से भर्ती को जारी रखने की सिफारिश की गई है, जिसे याचिका में चुनौती तक नहीं दी गई। ऐसे में यह याचिका अब बिना आधार की हो गई है और इसे खारिज किया जाना चाहिए।
सरकारी पक्ष ने आरोप लगाया कि याचिकाकर्ताओं ने वर्ष 2022 में भी पेपर लीक को लेकर हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी, लेकिन बाद में उसे वापस ले लिया और स्वयं भर्ती प्रक्रिया में भाग भी लिया। अब जब वे चयन सूची में नहीं आए, तो उन्होंने नई याचिका दायर कर पूर्व याचिका की जानकारी छुपा ली, जो कोर्ट की प्रक्रिया के साथ छल है। सरकार ने कोर्ट से अपील की कि इस प्रकार की याचिकाएं भर्ती प्रक्रिया को बेवजह बाधित करने का प्रयास हैं और इन्हें गंभीरता से नहीं लिया जाना चाहिए।
न्यायालय ने यह स्पष्ट किया कि वह मामले की गंभीरता को देखते हुए अब विस्तृत सुनवाई जारी रखेगा। इसके लिए 8 जुलाई, मंगलवार को भी सुनवाई निर्धारित की गई है, जहां सरकार को जवाब दाखिल कर स्थिति स्पष्ट करनी होगी।