जयपुर। राजस्थान की उपमुख्यमंत्री दिया कुमारी ने मंगलवार को निर्माण भवन में आयोजित समीक्षा बैठक में सड़क परियोजनाओं की गहन समीक्षा की। उन्होंने इस अवसर पर दिल्ली में निर्माणाधीन राजस्थान हाउस को लेकर विशेष निर्देश देते हुए कहा कि “इस भवन में राजस्थानी स्थापत्य, कला, और सांस्कृतिक विरासत की जीवंत तस्वीर झलकनी चाहिए।” उन्होंने अधिकारियों से कहा कि निर्माण में स्थानीय राजस्थानी सामग्री का अधिकतम उपयोग सुनिश्चित किया जाए।
दिया कुमारी ने कहा कि दिल्ली जैसे वैश्विक शहर में बन रहा यह भवन राजस्थान की सांस्कृतिक छवि को प्रस्तुत करने का महत्वपूर्ण अवसर है। इसमें प्रदेश की कला, शिल्प, चित्रण, पत्थर नक्काशी, मार्बल, और पारंपरिक स्थापत्य शैली का प्रभाव स्पष्ट रूप से परिलक्षित होना चाहिए ताकि देश-विदेश से आने वाले लोगों पर प्रदेश की गहरी सांस्कृतिक छाप पड़े।
बैठक में उपमुख्यमंत्री ने एनएचएआई परियोजनाओं, 200 फुट बायपास, जयपुर ट्रैफिक समाधान, रिंग रोड परियोजनाएं, ब्लैक स्पॉट निवारण, दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे और अमृतसर-जामनगर इकोनॉमिक कॉरिडोर सहित कई महत्वपूर्ण बिंदुओं पर विषयवार समीक्षा की और तत्काल कार्ययोजना लागू करने के निर्देश दिए।
उन्होंने सीआरआईएफ योजना, राजस्थान स्टेट हाईवे अथॉरिटी, आरएसआरडीसी, और पीएमजीएसवाई की प्रगति की समीक्षा करते हुए बताया कि पीएमजीएसवाई चतुर्थ चरण के तहत राज्य की 1630 बसावटों को पक्की सड़कों से जोड़ने का कार्य प्रस्तावित है, जिसका सर्वे कार्य पूर्ण हो चुका है।
अधिकारियों ने जानकारी दी कि राजस्थान स्टेट हाईवे अथॉरिटी द्वारा स्वीकृत 19 कार्यों में से 15 कार्य पूर्ण, और शेष 4 कार्य अक्टूबर 2025 तक पूरे किए जाने की संभावना है।
दिया कुमारी ने बजट घोषणाओं की प्रगति की समीक्षा करते हुए स्पष्ट निर्देश दिए कि समय पर कार्य पूरा नहीं करने वाले अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि वन विभाग की मंजूरी न मिलने जैसी अड़चनों पर विभागीय समन्वय से कार्य पूरा किया जाए।
इस बैठक में राज्य मंत्री डॉ. माजू बाघमार, अतिरिक्त मुख्य सचिव प्रवीण गुप्ता, शासन सचिव डी. आर. मेघवाल, मुख्य अभियंता टीसी गुप्ता, सहित सभी मुख्य अभियंता, अतिरिक्त मुख्य अभियंता एवं वीसी के माध्यम से अधीक्षण अभियंता व अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।