ब्यावर में सोमवार देर रात बलाड़ रोड स्थित सादों का बाड़िया क्षेत्र में सुनील ट्रेडिंग कंपनी के तेजाब गोदाम में खड़े टैंकर से नाइट्रोजन गैस का रिसाव हो गया, जिससे पूरे क्षेत्र में अफरा-तफरी मच गई। हादसे में अब तक गोदाम मालिक सुनील सिंघल सहित 3 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 54 लोग अस्पताल में भर्ती हैं, जिनमें से 5 की हालत गंभीर बनी हुई है।
घटना की जानकारी मिलते ही प्रशासन, पुलिस और दमकल विभाग की टीमें मौके पर पहुंची और रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया। कलेक्टर डॉ. महेंद्र खडगावत ने गोदाम को सीज करने के आदेश दिए हैं।
मृतक गोदाम मालिक सुनील सिंघल के भतीजे निशांत सिंघल ने बताया कि टैंकर से केमिकल निकालते वक्त नाइट्रोजन गैस का रिसाव शुरू हुआ और गोदाम में तेजी से फैल गया।
इस दौरान आग भी लगी हुई थी। सुनील सिंघल ने जान की परवाह किए बिना रिसाव रोकने की कोशिश की, लेकिन दम घुटने और चक्कर आने से बाहर निकले, जहां उनकी तबीयत बिगड़ी और देर रात उनकी मौत हो गई। रिपोर्ट के अनुसार, गैस के कारण उनके 80% फेफड़े खराब हो चुके थे।
गंभीर रूप से झुलसे नरेंद्र कुमार सोलंकी (सरमालिया) और दयाराम (रूपपुरा, भीलवाड़ा) को अजमेर रेफर किया गया था, जहां उपचार के दौरान दोनों की मौत हो गई। मृतक नरेंद्र के परिजनों ने 15 लाख मुआवजा और एक सरकारी नौकरी की मांग की है।
मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने एक्स पर पोस्ट कर कहा:
"ब्यावर में फैक्ट्री में नाइट्रोजन गैस रिसाव की दुर्घटना में हुई जनहानि दुःखद है। प्रभावितों को समुचित उपचार मिले, इसके निर्देश दिए हैं। प्रभु श्रीराम से प्रार्थना है कि दिवंगत आत्माओं को शांति और घायलों को शीघ्र स्वास्थ्य लाभ दें।"
डिप्टी सीएम दीया कुमारी ने भी दुख जताते हुए लिखा:
"ब्यावर की फैक्ट्री में गैस रिसाव में तीन लोगों की मृत्यु और कई लोगों के घायल होने का दुखद समाचार मिला। ईश्वर दिवंगत आत्माओं को शांति और घायलों को शीघ्र स्वास्थ्य प्रदान करें।"
ब्यावर सीओ राजेश कसाना के मुताबिक, देर रात तक 50 से अधिक लोग इलाज के लिए अस्पताल पहुंचे, जिनमें से 5 की हालत गंभीर थी। सभी को अजमेर जेएलएन अस्पताल में रेफर किया गया है। एक दमकलकर्मी और एक पुलिसकर्मी भी गैस की चपेट में आए हैं।
रात को टैंकर में भरे 25 टन केमिकल को खाली किया जा रहा था। जब लगभग 7 टन केमिकल बचा, तब ढक्कन खोलकर चेक किया गया, जिससे तेज़ रिसाव शुरू हो गया। एक कर्मचारी की आंखों में जलन और सांस की तकलीफ होने लगी, जिससे अफरा-तफरी मच गई।
गैस के लगातार रिसाव को देखते हुए प्रशासन ने 200 मीटर दायरे तक के लोगों को सुरक्षित स्थानों पर भेजा। दमकल की दो गाड़ियां मौके पर भेजी गईं। एसडीएम दिव्यांश सिंह, पुलिस और पार्षद हंसराज शर्मा भी मौके पर पहुंचे और रेस्क्यू कार्य में जुटे।