राजस्थान के सबसे बड़े नेशनल पार्क रणथंभौर टाइगर रिजर्व में वाहन बुकिंग में फर्जीवाड़ा कोई नई बात नहीं है, लेकिन इस बार एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। अहमदाबाद निवासी श्रेय मेहता नामक युवक ने मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के फर्जी लेटरहेड का इस्तेमाल कर वन विभाग के अधिकारियों से जिप्सी बुकिंग कराने की कोशिश की।
डीएफओ पर्यटन प्रमोद धाकड़ को जब यह मामला संदिग्ध लगा तो उन्होंने मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री कार्यालय (CMO) से लेटरहेड की पुष्टि करवाई। जवाब में लेटरहेड फर्जी निकला, जिससे पूरे विभाग में हड़कंप मच गया।
सूत्रों के मुताबिक श्रेय मेहता ने अपने पांच दोस्तों के साथ रणथंभौर भ्रमण की योजना बनाई थी। उसने फर्जी मुख्यमंत्री लेटरहेड पर हस्ताक्षर कर जिप्सी की मांग की और उसे डीएफओ प्रमोद धाकड़ को व्हाट्सएप और ईमेल किया।
जैसे ही मामले की पुष्टि हुई, डीएफओ ने आरोपी युवक को अपने कार्यालय बुलाकर कोतवाली पुलिस को सौंप दिया। पुलिस ने तत्काल मामला दर्ज कर उसे रणथंभौर की एक होटल से डिटेन किया।
कोतवाली थाना अधिकारी हरलाल सिंह मीणा ने बताया कि वन विभाग की रिपोर्ट के अनुसार यह फर्जीवाड़ा किया गया। अब आरोपी से पूछताछ की जा रही है और मामले की गहराई से जांच की जा रही है।
इस मामले की जानकारी मध्यप्रदेश CMO तक पहुंचते ही वहां भी इंटेलिजेंस टीम को जांच में लगाया गया है। फर्जी लेटरहेड जैसे संवेदनशील दस्तावेजों का दुरुपयोग प्रशासनिक सुरक्षा को चुनौती देता है।