महाराष्ट्र के नागपुर के महल इलाके में सोमवार रात 8:30 बजे औरंगजेब कब्र विवाद को लेकर दो पक्षों में हिंसा भड़क उठी। हिंसा की शुरुआत विश्व हिंदू परिषद द्वारा औरंगजेब का पुतला जलाने के बाद हुई, जिसके बाद अफवाह फैली कि पुतले के साथ एक धार्मिक पुस्तक भी जलाई गई है।
इस अफवाह के चलते दो गुटों में पथराव शुरू हो गया, जिसमें कई गाड़ियां तोड़ी गईं और दो जेसीबी को आग के हवाले कर दिया गया।
स्थिति को नियंत्रित करने के लिए पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़े।DCP निकेतन कदम पर कुल्हाड़ी से हमला किया गया, जिसमें वे घायल हो गए।नागपुर DCP अर्चित चांडक ने बताया कि कुछ पुलिसकर्मी भी घायल हुए हैं, उनके पैर में हल्की चोट आई है।अब तक 15 लोगों को हिरासत में लिया गया है।
मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने शांति की अपील करते हुए कहा कि हम लगातार पुलिस-प्रशासन के संपर्क में हैं। नागपुर एक शांतिपूर्ण शहर है, किसी भी अफवाह पर विश्वास न करें। प्रशासन का पूरा सहयोग करें।"
डिप्टी सीएम एकनाथ शिंदे ने सख्त चेतावनी देते हुए कहा कि यह हमला सुनियोजित था। पुलिस पर पत्थर फेंके गए। ऐसा करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा। औरंगजेब देश का दुश्मन था, उसके समर्थकों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।"
नागपुर DCP अर्चित चांडक ने कहा कि यह घटना गलतफहमी के कारण हुई। स्थिति अब नियंत्रण में है। सभी से अपील है कि बाहर न निकलें और पत्थरबाजी न करें।"नागरिकों को अफवाहों से बचने और शांति बनाए रखने की अपील की गई है।