राजस्थान के बीकानेर जिले के बज्जू क्षेत्र में शनिवार को एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई, जब पंजाब से आए शिकारियों ने खुलेआम हिरण का शिकार कर दिया। इस घटना को जीवप्रेमी सुमित कुमार बिश्नोई ने अपनी आंखों से देखा और पूरी घटना का खुलासा किया।
सुमित कुमार बिश्रोई ने बताया कि वह मोडिया फांटा पर खड़ा था, तभी दो गाड़ियों में 7 लोग आए और हिरण के पीछे दौड़ पड़े। कुछ ही पलों में शिकारियों ने हिरण को गोली मार दी। जब सुमित ने इस घटना का वीडियो बनाना शुरू किया और ग्रामीणों को सूचना दी, तो आरोपियों ने पिस्तौल दिखाकर जान से मारने की धमकी दी।
सुमित ने बहादुरी दिखाते हुए शिकारियों की जीप की चाबी निकाल ली, लेकिन गुस्साए शिकारियों ने उसे घेरकर पीटा। शोर सुनकर ग्रामीण इकबाल और सुरेंद्र सींगड़ मौके पर पहुंचे, जिससे शिकारी भाग खड़े हुए। तुरंत माणकासर सरपंच जयसुखराम सींगड़ ने पुलिस को सूचना दी और नाकाबंदी कराई, जिसके बाद शिकारी पकड़ में आ गए।
बिश्नोई समाज में काले हिरण का विशेष धार्मिक महत्व है। समाज के लोग इसे भगवान कृष्ण का अवतार मानते हैं और इसकी रक्षा के लिए जान तक देने को तैयार रहते हैं। इसीलिए इस घटना के बाद ग्रामीणों और जीवप्रेमियों में जबरदस्त आक्रोश देखने को मिला।
रविवार को बज्जू थाने के बाहर बड़ी संख्या में जीवप्रेमियों और ग्रामीणों ने प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों ने शिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की और उनकी सार्वजनिक परेड की मांग रखी। इसी दौरान थाने पर पत्थरबाजी हुई, जिसके बाद पुलिस ने लाठीचार्ज किया। ग्रामीणों का आरोप है कि वे शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे थे, लेकिन पुलिस ने जबरन उन पर लाठियां चलाईं।
इस घटना के बाद वन विभाग की टीम मौके पर पहुंची और घायल हिरण को बरामद कर पशु चिकित्सालय भेजा। हिरण की हालत गंभीर बताई जा रही है।
शिकारियों का गिरोह पंजाब और घड़साना से आया था। पुलिस ने तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया, जबकि एक फरार हो गया। बरामद हथियारों की सूची:
वन विभाग ने अलग से केस दर्ज कर लिया है और शिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की तैयारी हो रही है। वहीं, ग्रामीणों का कहना है कि हिरण के शिकार के दोषियों को सख्त सजा दी जानी चाहिए और वन्यजीव संरक्षण कानून के तहत कठोर कार्रवाई होनी चाहिए।