Tuesday, 04 March 2025

REET परीक्षा में नियमों का पालन करने वालों पर गिरी गाज, तत्काल बहाली की मांग: राजकुमार रोत


REET परीक्षा में नियमों का पालन करने वालों पर गिरी गाज, तत्काल बहाली की मांग: राजकुमार रोत

राजस्थान में रीट परीक्षा के दौरान अभ्यर्थियों की जनेऊ उतरवाने का मामला अब राजनीतिक तूल पकड़ चुका है। प्रदेश सरकार ने इस मामले में कार्रवाई करते हुए महिला सुपरवाइजर और पुलिस कॉन्स्टेबल को सस्पेंड कर दिया है। लेकिन अब भारतीय आदिवासी पार्टी (BAP) के सांसद राजकुमार रोत ने इस कार्रवाई को गलत बताते हुए दोनों कर्मचारियों को तत्काल बहाल करने की मांग की है।

सांसद राजकुमार रोत बोले - "सरकारी नियमों का पालन करना गुनाह बन गया?"

राजकुमार रोत ने सरकार पर सवाल उठाते हुए कहा, "भजनलाल शर्मा के नेतृत्व वाली बीजेपी सरकार के आदेशों का पालन करना ही अब कर्मचारियों के लिए गुनाह बन गया है। डूंगरपुर में रीट परीक्षा के दौरान सरकारी नियमों की पालना कराने वाले दो कर्मचारियों को सस्पेंड करना कहां का न्याय है? क्या अब जाति और धर्म देखकर न्याय करना ही अमृतकाल है?" उन्होंने कहा कि सरकार को इस फैसले को वापस लेना चाहिए और दोनों कर्मचारियों को तुरंत बहाल करना चाहिए।

क्या है पूरा मामला?

डूंगरपुर जिले में रीट पात्रता परीक्षा के दौरान दो ब्राह्मण अभ्यर्थियों को परीक्षा केंद्र में प्रवेश से पहले जनेऊ उतारने के लिए कहा गया, जिसके बाद ही उन्हें परीक्षा देने की अनुमति दी गई। इस घटना के सामने आने के बाद प्रदेशभर में विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए।

कांग्रेस विधायक हरिमोहन शर्मा ने इस मुद्दे को विधानसभा में उठाते हुए भजनलाल सरकार की विफलता करार दिया। इसके अलावा, ब्राह्मण और अन्य सामाजिक संगठनों ने इस घटना की निंदा की और सरकार से सख्त कार्रवाई की मांग की।

विप्र फाउंडेशन का बयान: "ब्राह्मणों के साथ अन्याय बर्दाश्त नहीं होगा"

विप्र फाउंडेशन के नेता प्यारेलाल शर्मा ने सरकार की कार्रवाई का समर्थन करते हुए कहा, "जनेऊ उतरवाने का कृत्य किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। सरकार ने सही निर्णय लिया, लेकिन अब भारतीय आदिवासी पार्टी के नेता इस मुद्दे को राजनीतिक रंग देकर ब्राह्मण समाज के साथ हुए अन्याय को दबाने की कोशिश कर रहे हैं, जिसे किसी भी हाल में स्वीकार नहीं किया जाएगा।"

सरकार का फैसला और आगे की कार्रवाई

डूंगरपुर जिला प्रशासन ने इस पूरे मामले की जांच के बाद महिला सुपरवाइजर और कांस्टेबल को सस्पेंड कर दिया था। हालांकि, अब इस कार्रवाई को लेकर राजनीतिक बयानबाजी तेज हो गई है। देखना यह होगा कि सरकार अपने फैसले पर कायम रहती है या सांसद राजकुमार रोत की मांग पर पुनर्विचार किया जाएगा।

    Previous
    Next

    Related Posts