Saturday, 19 April 2025

गंगानगर में साइबर फ्रॉड का बड़ा खुलासा, 10,000 करोड़ की ठगी करने वाला गिरोह पकड़ा


गंगानगर में साइबर फ्रॉड का बड़ा खुलासा, 10,000 करोड़ की ठगी करने वाला गिरोह पकड़ा

गंगानगर, राजस्थान: राजस्थान के गंगानगर जिले में साइबर फ्रॉड का एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जिसमें एक ही परिवार के कई सदस्य करोड़ों की ठगी में लिप्त पाए गए। यह गिरोह पिछले 10 सालों से देशभर में लाखों लोगों को ठगकर 10,000 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी कर चुका है। पुलिस ने इस गिरोह के मास्टरमाइंड पिता-पुत्र लाजपत आर्य और दीपक आर्य को गिरफ्तार कर लिया है, जबकि अन्य आरोपी फरार हैं।

ऐसे करते थे ठगी – बनाए थे दो फर्जी एप्स

पुलिस जांच में सामने आया कि आरोपी पिता-पुत्र ने दो मोबाइल एप्स के जरिये यह ठगी की थी।

Teachable (टिचेबल एप): इस एप के जरिए लोगों को साइबर ठगी से बचने के तरीके बताए जाते थे।
शेयर मार्केट में निवेश के उपाय और फाइनेंशियल सेमिनार आयोजित किए जाते थे।
निवेशकों का भरोसा जीतकर उन्हें दूसरा एप इस्तेमाल करने को प्रेरित किया जाता था।

Capmore FX (कैपमोर एफएक्स एप):
इस एप के जरिए निवेश पर मोटा मुनाफा देने का झांसा देकर लोगों से पैसे ऐंठे जाते थे।
लोग ज्यादा मुनाफे के लालच में निवेश करते और अंत में पूरा पैसा गंवा बैठते।
आरोपी परिवार इस पैसे से बड़े-बड़े बंगले, लग्जरी गाड़ियां और करोड़ों के बैंक ट्रांजेक्शन कर रहा था।

10 साल में 10,000 करोड़ की ठगी, देशभर में 4 लाख से ज्यादा लोग ठगे

गंगानगर एसपी गौरव यादव ने बताया कि गिरफ्तार आरोपी लाजपत आर्य और उसके बेटे दीपक आर्य ने करीब 10 साल पहले साइबर ठगी शुरू की थी।
इनकी ठगी का नेटवर्क देशभर के 4 लाख से ज्यादा लोगों तक फैला हुआ था।

शुरुआती जांच में पता चला है कि गिरोह ने करीब 10,000 करोड़ रुपये की ठगी की है।
गंगानगर से लेकर जयपुर, दिल्ली और अन्य शहरों में आलीशान बंगले और लग्जरी गाड़ियां खरीदी गईं।

पढ़ाई कम, ठगी ज्यादा – 8 वीं फेल पिता और 12वीं पास बेटा निकले मास्टरमाइंड

मुख्य आरोपी लाजपत आर्य केवल 7वीं पास और 8वीं फेल है, जबकि उसका बेटा दीपक 12वीं तक पढ़ा है।इन लोगों ने फर्जी कंपनियां बनाकर लोगों को करोड़ों का चूना लगा दिया।
पिछले दिनों कर्नाटक निवासी एक पीड़ित ने 4.5 करोड़ की ठगी की शिकायत दर्ज कराई, जिसके बाद पुलिस ने कार्रवाई शुरू की।
पुलिस को शक है कि इस गिरोह के कई सदस्य विदेश भाग चुके हैं, जिनकी तलाश जारी है।

75 बैंक खातों में करोड़ों का लेन-देन

पुलिस ने आरोपियों के बैंक अकाउंट्स की जांच की तो चौंकाने वाले खुलासे हुए।
आरोपियों ने 75 अलग-अलग बैंक खाते किराए पर लेकर ठगी की रकम ट्रांसफर की।
इन खातों में करोड़ों रुपये का लेन-देन हुआ है, जिसकी जांच की जा रही है।

गिरोह के अन्य फरार आरोपी – विदेश भाग चुके हैं कई सदस्य

गिरफ्तार लाजपत आर्य और दीपक आर्य के अलावा इस गिरोह में कई अन्य लोग शामिल थे, जिनकी तलाश जारी है।

अजय आर्य (लाजपत का दूसरा बेटा) – कैपमोर एफएक्स कंपनी का एमडी, मास्टरमाइंड, फिलहाल फरार
बलजीत – फर्जी सेमिनार में स्पीकर, निवेश के झांसे देने में माहिर, फरार
सौरभ और उसकी पत्नी सलोनी – निवेशकों को लुभाने और ठगने का काम करते थे, फरार
कर्मजीत – सोशल मीडिया पर फर्जी एप का प्रचार करने वाला व्यक्ति, फरार पुलिस का दावा है कि इनमें से कुछ आरोपी विदेश भाग चुके हैं और उन्हें वापस लाने की प्रक्रिया चल रही है।

पुलिस के मुताबिक आरोपियों के खिलाफ महाराष्ट्र, कर्नाटक, आंध्र, तेलंगाना, पंजाब, तमिलनाडु, बिहार, हरियाणा, चंडीगढ़, राजस्थान, मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, यूपी, उत्तराखंड और ओडिशा राज्यों में रहने वाले लोगों के साथ भी साइबर ठगी की थी।

पुलिस की आगे की कार्रवाई

आरोपियों के सभी बैंक खातों को फ्रीज किया जा रहा है।
जिन निवेशकों से ठगी की गई, उनकी पहचान की जा रही है।
फरार आरोपियों की तलाश में पुलिस की कई टीमें काम कर रही हैं।
गिरफ्तार आरोपियों से और भी खुलासे होने की उम्मीद है।

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