राजस्थान हाईकोर्ट में बुधवार को समरावता गांव में हुई हिंसा मामले में आरोपी नरेश मीणा की जमानत याचिका पर सुनवाई पूरी हो गई। जस्टिस प्रवीर भटनागर की अदालत ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया।
अधिवक्ता डॉ. महेश शर्मा ने अदालत को बताया कि गांव के लोग लंबे समय से तहसील मुख्यालय बदलने की मांग को लेकर आंदोलन कर रहे थे और उन्होंने मतदान का बहिष्कार भी किया था।इस दौरान एसडीएम जबरन वोट डलवा रहे थे, जिस पर याचिकाकर्ता की एसडीएम से धक्का-मुक्की हो गई। पुलिस ने याचिकाकर्ता को तत्काल हिरासत में ले लिया था। घटना के बाद हुई आगजनी में याचिकाकर्ता की कोई भूमिका नहीं थी, क्योंकि वह उस समय पुलिस हिरासत में था।
हाईकोर्ट ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है।अब यह देखना होगा कि कोर्ट नरेश मीणा को जमानत देती है या नहीं। यह मामला विधानसभा उपचुनाव के दौरान हुए विवाद से जुड़ा है, जिसमें पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच झड़प के बाद हिंसा भड़क गई थी। अब हाईकोर्ट के फैसले पर सभी की नजरें टिकी हुई हैं।