राजस्थान विधानसभा के बजट सत्र के दौरान जयपुर की सिविल लाइंस सीट से भाजपा विधायक गोपाल शर्मा ने एक बड़ा बयान देकर राजनीतिक हलचल मचा दी। उन्होंने प्रेस वार्ता में आरोप लगाया कि कांग्रेस सरकार ने अपने शासनकाल में कैबिनेट मंत्री किरोड़ी लाल मीणा का एनकाउंटर कराने की योजना बनाई थी।
गोपाल शर्मा ने कहा कि शिवचरण माथुर सरकार के दौरान भाजपा के दो विधायकों – किरोड़ी लाल मीणा और कोटा के हरीश शर्मा का एनकाउंटर करने की योजना बनाई गई थी। उन्होंने दावा किया कि उनके पास इस बात के पुख्ता प्रमाण हैं और इस बारे में किरोड़ी लाल मीणा से भी पूछा जा सकता है। शर्मा के अनुसार, उस समय भैरोसिंह शेखावत के सशक्त नेतृत्व के कारण कांग्रेस इस साजिश को अंजाम नहीं दे पाई थी।
वहीं, कैबिनेट मंत्री किरोड़ी लाल मीणा ने भी 12 दिसंबर 1988 की एक घटना का जिक्र किया। उन्होंने बताया कि सवाई माधोपुर में मजदूर आंदोलन के दौरान उन पर पुलिस ने लाठीचार्ज किया था, जिसमें उन्हें गंभीर चोटें आईं थीं। पुलिस ने उन्हें तब तक पीटा, जब तक उन्हें लगा कि वे मर चुके हैं। इसके बाद सरकार के निर्देश पर उन्हें जयपुर के एसएमएस अस्पताल के बजाय अलवर जिला अस्पताल भेजा गया और फिर इलाज के लिए दिल्ली एम्स रेफर किया गया।
दूसरे नामित विधायक हरीश शर्मा का जन्म 10 नवंबर 1948 को कोटा जिले के अंता में हुआ था। वे तीन बार कोटा के छात्र संघ अध्यक्ष रहे और दो बार भाजपा तथा एक बार जनता पार्टी के टिकट पर विधायक बने। उन्होंने एक बार झालावाड़ के खानपुर और दो बार कोटा के रामगंज मंडी से चुनाव जीता था। वर्ष 2010 में उनका निधन हो गया था।
गोपाल शर्मा के इस बयान के बाद राजस्थान की राजनीति में हलचल मच गई है। कांग्रेस की तरफ से अभी तक इस पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है, लेकिन यह मुद्दा विधानसभा और मीडिया में तूल पकड़ सकता है।