डिप्टी सीएम प्रेमचंद बैरवा ने रोडवेज बस औचक निरीक्षण किया । उन्होंने जयपुर-आगरा हाईवे पर चल रही एक रोडवेज बस में खराबी दिखने पर अधिकारियों से बात कर दूसरी बस का इंतजाम कराया।
डिप्टी सीएम बैरवा ने पद संभालने के कुछ महीनों बाद सिंधी कैंप बस डिपो का दौरा किया था। लेकिन तब से लेकर अब तक जमीनी स्तर पर कोई बड़ा बदलाव नहीं दिखा।
बदलाव की धीमी रफ्तार: हाल की एक रिपोर्ट में दिखाया गया है कि खुद डिप्टी सीएम के क्षेत्र के कई गांवों में आज तक रोडवेज बसें नहीं पहुंची हैं। यह परिवहन विभाग की जमीनी स्थिति पर गंभीर सवाल खड़े करता है।
"डिप्टी सीएम बोल रहा हूं": निरीक्षण के दौरान डिप्टी सीएम का किसी अधिकारी को फोन पर यह कहना कि "डिप्टी सीएम बोल रहा हूं," यह दर्शाता है कि विभाग पर उनकी पकड़ कितनी मजबूत है।
समस्याओं की जड़ तक जाने की जरूरत: औचक निरीक्षण करना या अधिकारियों को डांटना सिर्फ सतही कदम हैं। असल जरूरत है परिवहन व्यवस्था में सुधार के लिए दीर्घकालिक नीतियों की।
जनता की अपेक्षाएं: जनता यह सवाल कर रही है कि अगर किसी बस में खराबी है, तो क्या खुद डिप्टी सीएम को ही इसे ठीक कराने आना पड़ेगा? क्या यह व्यवस्था की विफलता का संकेत नहीं है?
डिप्टी सीएम का निरीक्षण चाहे कितना भी सराहनीय हो, जब तक परिवहन व्यवस्था में वास्तविक सुधार नहीं दिखेगा, यह सब सिर्फ पीआर स्टंट बनकर रह जाएगा। जनता को सुर्खियों से ज्यादा जमीनी बदलाव की जरूरत है।