Saturday, 01 February 2025

भगवान देवनारायण 1113 जयंती समारोह 3 फरवरी को जयपुर में,मुख्यमंत्री शर्मा सहित कई मंत्री और भाजपा नेता होंगे शामिल


भगवान देवनारायण 1113 जयंती समारोह 3 फरवरी को जयपुर में,मुख्यमंत्री शर्मा सहित कई मंत्री और भाजपा नेता होंगे शामिल

भगवान देवनारायण जयंती समारोह समिति द्वारा श्री देवनारायण 1113 जयंती समारोह का आयोजन सोमवार, 3 फरवरी को जयपुर के बिड़ला ऑडिटोरियम में किया जाएगा। यह भव्य कार्यक्रम दोपहर 1 बजे से शुरू होगा।

समारोह के मुख्य अतिथि मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा होंगे, जबकि कार्यक्रम की अध्यक्षता गृह राज्य मंत्री जवाहर सिंह बेडम करेंगे। इसके अलावा अन्य गणमान्य अतिथियों में सामाजिक न्याय अधिकारिता मंत्री अविनाश गहलोत,पूर्व नेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़,भाजपा राष्ट्रीय सचिव डॉ. अल्का गुर्जर, हरियाणा सरकार के मंत्री राजेश नागर,पूर्व भाजपा प्रदेश अध्यक्ष अरुण चतुर्वेदी,जयपुर ग्रेटर मेयर डॉ. सौम्या गुर्जर,विधायक दर्शन सिंह गुर्जर, हंसराज पटेल, धर्मपाल गुर्जर, तेजपाल तंवर,भाजपा युवा मोर्चा के अंकित गुर्जर,पूर्व मंत्री हेम सिंह भडाना देवनारायण बोर्ड अध्यक्ष ओम प्रकाश भड़ाना शामिल होंगे।

कार्यक्रम की विशेषताएं: समाज की प्रतिभाओं का सम्मान: समारोह में गुर्जर समाज के विशेष व्यक्तियों को सम्मानित किया जाएगा।

प्रथम सत्र के मुख्य वक्ता: राष्ट्रवादी चिंतक और विचारक हनुमान सिंह राठौड़ कार्यक्रम के मुख्य वक्ता होंगे। भगवान देवनारायण का संदेशसमारोह के माध्यम से भगवान देवनारायण का संदेश समाज और आमजन तक पहुंचाया जाएगा।

समाज के लिए व्यापक जनसंपर्क अभियान: समारोह के संयोजक प्रो. विक्रम सिंह गुर्जर ने बताया कि कार्यक्रम की तैयारियों के लिए पिछले एक महीने से राज्यभर में जनसंपर्क अभिया चलाया गया है। गुर्जर समाज के लोगों को इस आयोजन में शामिल होने का विशेष आमंत्रण दिया गया है।

प्रेसवार्ता में उपस्थित व्यक्ति: मोहनलाल बागड़ी (प्रदेश संयोजक, भारतीय गुर्जर परिषद राजस्थान),कर्नल देवानंद गुर्जर (अंतर्राष्ट्रीय गुर्जर महासभा, राष्ट्रीय अध्यक्ष),मोहनलाल वर्मा (राजस्थान गुर्जर महासभा),मनीष भरगढ़ (अखिल भारतीय वीर गुर्जर महासभा),देवनाराय गुर्जर (अखंड भारत गुर्जर महासभा),शंकर बजाड़ (राजस्थान पथिक सेना),हरिनारायण मणकस (महामंत्री, श्री देवनारायण जनकल्याण संस्थान)

समारोह का उद्देश्य भगवान देवनारायण के संदेश को समाज में फैलाना और गुर्जर समाज की एकता और शक्ति को दर्शाना है। यह आयोजन गुर्जर समाज के सांस्कृतिक और सामाजिक विकास के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है।

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