जयपुर में मकर संक्रांति के दौरान पतंगबाजी के चलते 49 लोग घायल हो गए। इनमें से 10 गंभीर मरीजों को सवाई मानसिंह (एसएमएस) हॉस्पिटल के पॉलीट्रॉमा वार्ड में भर्ती किया गया है। अधिकतर घायल मांझे से कटने या छत से गिरने के कारण अस्पताल पहुंचे।
एसएमएस हॉस्पिटल के ट्रॉमा सेंटर इंचार्ज और ऑर्थोपेडिक्स डिपार्टमेंट के सीनियर प्रोफेसर डॉ. अनुराग धाकड़ ने बताया कि 13 से 15 जनवरी के लिए इमरजेंसी में विशेष व्यवस्था की गई है।
10 मरीजों को पतंग उड़ाने के दौरान गिरने या लूटने के दौरान सिर में चोट लगी है।11 लोग मांझे से चेहरे, गले और हाथ पर कटने की चोट के कारण अस्पताल पहुंचे।गंभीर हालत वाले 10 मरीजों को पॉलीट्रॉमा वार्ड में भर्ती किया गया है।शेष मरीजों को प्राथमिक उपचार के बाद छुट्टी दे दी गई।डॉ. धाकड़ ने बताया कि मकर संक्रांति के दौरान हर साल पतंगबाजी के कारण चोटिल होने वाले मरीजों की संख्या बढ़ जाती है।
ऑर्थोपेडिक्स, न्यूरोसर्जरी, ईएनटी, जनरल सर्जरी, प्लास्टिक सर्जरी और एनिस्थिसिया विभाग के डॉक्टरों की ड्यूटी लगाई गई है।
13 जनवरी से शाम 5 बजे तक कुल 49 मरीज घायल होकर ट्रॉमा सेंटर पहुंचे।ज्यादातर मामले मांझे से कटने, छत से गिरने और पतंग लूटने के दौरान हुए हादसों के थे।
डॉ. धाकड़ ने लोगों से मकर संक्रांति के दौरान सावधानी बरतने की अपील की है।
मांझे का उपयोग: सुरक्षित और इको-फ्रेंडली मांझे का इस्तेमाल करें।
सुरक्षा उपकरण: पतंग उड़ाते समय हेलमेट और गोगल्स पहनें।
छत पर सतर्कता: छत पर पतंग उड़ाने के दौरान रैलिंग के पास न खड़े हों।
पतंग लूटने से बचें: सड़क या ट्रैफिक के बीच पतंग लूटने से बचें।