राजस्थान हाईकोर्ट ने ई-सिगरेट की ऑनलाइन बिक्री पर रोक लगाने के उपायों को लेकर असंतोष व्यक्त किया है। अदालत ने पुलिस मुख्यालय से पूछा है कि इस मुद्दे पर ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स के खिलाफ अब तक क्या कार्रवाई की गई है। कोर्ट ने दो सप्ताह में विस्तृत जवाब मांगा है।
हाईकोर्ट की मुख्य न्यायाधीश एमएम श्रीवास्तव और न्यायमूर्ति उमाशंकर व्यास की खंडपीठ ने जयपुर पुलिस कमिश्नरेट द्वारा पेश किए गए शपथ पत्र को "महज खानापूर्ति" बताया। कोर्ट ने कहा कि जयपुर पुलिस ने इस मुद्दे पर ठोस कार्रवाई नहीं की है।
हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को ई-सिगरेट की ऑनलाइन बिक्री रोकने के लिए एक प्रभावी तंत्र (मैकेनिज़्म) विकसित करने के निर्देश दिए हैं। अदालत ने कहा कि केंद्र सरकार ने कानून लागू करने के लिए राज्य सरकारों को अधिकृत किया था। इसके तहत राज्य सरकार को ठोस कदम उठाने चाहिए।
जयपुर पुलिस मुख्यालय द्वारा 2022 में पेश किए गए शपथ पत्र को अदालत ने औपचारिकता करार देते हुए कहा कि इसमें केवल कागजी कार्रवाई की गई है। अदालत ने यह भी पूछा कि अब तक ई-सिगरेट की बिक्री के लिए जिम्मेदार ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स के खिलाफ कितने मामले दर्ज किए गए हैं और क्या कार्रवाई की गई है।
हाईकोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई की तारीख 1 फरवरी निर्धारित की है। इस दौरान पुलिस मुख्यालय को स्पष्ट और ठोस जवाब के साथ उपस्थित होने का निर्देश दिया गया है।