कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने भाजपा सरकार पर तीखा हमला बोलते हुए इसे "आंतरिक खींचतान की अनसुलझी पहेली" करार दिया। उन्होंने मुख्यमंत्री और कैबिनेट के अलग-अलग रुख पर सवाल उठाए और इसे सत्ता का वर्चस्व और बंदरबांट का मामला बताया।
डोटासरा ने कहा कि सब इंस्पेक्टर (एसआई) भर्ती भाजपा के आंतरिक द्वंद की अनसुलझी पहेली है। मुख्यमंत्री समेत कैबिनेट का एक पक्ष भर्ती रद्द करने को तैयार नहीं है, जबकि दूसरा पक्ष इसे निरस्त कराने पर अड़ा हुआ है। लगता है दोनों पक्षों ने अपने-अपने हित साध लिए हैं।
उन्होंने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री ने कैबिनेट की राय, सब-कमेटी के सुझाव, महाधिवक्ता (AG), SOG और पुलिस की सिफारिशों को नजरअंदाज करते हुए भर्ती को रद्द नहीं करने का निर्णय लिया। उन्होंने सवाल किया कि क्या इसके पीछे सत्ता का वर्चस्व है या बंदरबांट का खेल।
डोटासरा ने हाईकोर्ट के निर्णय का हवाला देते हुए कहा कि हाईकोर्ट ने ट्रेनी एसआई की पोस्टिंग और ट्रेनिंग पर रोक लगाते हुए सरकार को कड़ी फटकार लगाई है। मुख्यमंत्री के निर्णय से प्रदेश का युवा और जनता भ्रमित है।
डोटासरा ने कहा कि भर्ती के निर्णय में RSS की रुचि और सत्ता के गलियारों में ‘सेटलमेंट’ की चर्चाएं जोरों पर हैं। यह भाजपा की आंतरिक कलह और भ्रम की स्थिति को दर्शाता है।"
उन्होंने भाजपा सरकार को "सर्कस" करार देते हुए कहा कि निर्णयों की अनिश्चितता से प्रदेश का युवा और जनता प्रभावित हो रही है। "यह सरकार अपने ही मुद्दों पर तमाशा बन रही है।"
एसआई भर्ती विवाद ने भाजपा सरकार के भीतर गहरी खींचतान और निर्णय प्रक्रिया में भ्रम की स्थिति को उजागर किया है। डोटासरा के बयान ने इस विवाद को और हवा दी है, जिससे सरकार को जवाब देने की स्थिति में ला खड़ा किया है।