मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने जोधपुर में आयोजित पश्चिमी राजस्थान उद्योग हस्तशिल्प उत्सव में कहा कि राजस्थान का हस्तशिल्प प्रदेश का गौरव है और हमारी समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर का जीवंत उदाहरण है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार हस्तशिल्प और कारीगरों के उत्थान के लिए नई योजनाएं लागू कर रही है, जिनसे रोजगार के नए अवसर सृजित होंगे।
मुख्यमंत्री शर्मा ने कहा कि राजस्थान निर्यात संवर्धन नीति 2024 और एक जिला, एक उत्पाद (ओडीओपी) जैसी पहलें प्रदेश के हस्तशिल्प को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाएंगी। राज्य के 6 लाख से ज्यादा शिल्पकारों और कारीगरों को कौशल विकास और विपणन के अवसर प्रदान किए जाएंगे।
मुख्यमंत्री शर्मा ने कहा कि पारंपरिक हस्तशिल्प कला को संरक्षित करते हुए इसे नवाचार और आधुनिक तकनीक से जोड़ा जा रहा है। कारीगरों को स्मार्ट टेक्नोलॉजी और डिजिटल प्लेटफॉर्म से जोड़ने के लिए विशेष प्रयास किए जा रहे हैं।
मुख्यमंत्री शर्मा ने बताया कि पीएम कुसुम योजना के अंतर्गत उनकी सरकार ने 31 गुना अधिक काम किया है। योजना के तहत 5,000 मेगावाट अतिरिक्त आवंटन से प्रदेश में नवीकरणीय ऊर्जा को बढ़ावा मिलेगा।
उन्होंने कहा कि पीएम विश्वकर्मा योजना के तहत शिल्पकारों को ऋण सहायता, प्रशिक्षण और वैश्विक बाजार तक पहुंच दी जा रही है।
कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने पांच पाक विस्थापितों को पट्टे वितरित किए और लूणी विकास पुस्तिका का विमोचन किया। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार अंत्योदय के संकल्प के साथ अंतिम व्यक्ति के उत्थान के लिए काम कर रही है।
कार्यक्रम में संसदीय कार्य मंत्री जोगाराम पटेल, उद्योग एवं वाणिज्य राज्यमंत्री केके बिश्नोई, जीव जंतु कल्याण बोर्ड अध्यक्ष जसवंत सिंह विश्नोई, राज्यसभा सांसद राजेंद्र गहलोत, विधायक देवेन्द्र जोशी, अतुल भंसाली, बाबूसिंह राठौड़, लघु उद्योग भारती के संगठन मंत्री प्रकाश, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के क्षेत्र प्रचारक निंबाराम, लघु उद्योग भारती के राष्ट्रीय अध्यक्ष घनश्याम ओझा सहित अन्य जनप्रतिनिधि व आमजन उपस्थित रहे।