Friday, 10 January 2025

वार्ड नंबर 71: अजमेर नगर निगम का अनोखा वार्ड, सीमांकन पर विचार की जरूरत


वार्ड नंबर 71: अजमेर नगर निगम का अनोखा वार्ड, सीमांकन पर विचार की जरूरत

अजमेर नगर निगम का वार्ड नंबर 71 अपने आप में एक अनोखा और चुनौतीपूर्ण वार्ड है। यह वार्ड अजमेर की प्रसिद्ध आनासागर झील को चारों तरफ से घेरता है और इसके निवासियों की समस्याएं व विकास संबंधी मांगें अद्वितीय हैं।

इस वार्ड के पूर्व पार्षद धर्मेंद्र गहलोत अजमेर नगर निगम के महापौर रह चुके हैं। उनके कार्यकाल में वार्ड को कई विकास योजनाएं मिलीं। वर्तमान में, भारतीय जनता पार्टी के शहर अध्यक्ष रमेश सोनी इस वार्ड के पार्षद हैं। इनके कंधों पर वार्ड की समस्याओं के साथ-साथ पार्टी संगठन का दायित्व भी है।

वार्ड नंबर 71 का क्षेत्रफल बड़ा है और इसकी संरचना बेहद चुनौतीपूर्ण है। यह आनासागर झील के चारों ओर फैला हुआ है, जिससे वार्ड के विभिन्न क्षेत्रों में निवासियों की अलग-अलग समस्याएं उभरकर सामने आती हैं। वार्ड का प्रबंधन करना किसी भी पार्षद के लिए एक बड़ी चुनौती है।

सीमांकन परिवर्तन की मांग: स्थानीय नागरिकों और विशेषज्ञों का मानना है कि वार्ड का सीमांकन बदलना चाहिए, ताकि इसे छोटे और प्रबंधनीय हिस्सों में विभाजित किया जा सके। सीमांकन परिवर्तन से पार्षदों को निवासियों की समस्याओं को समझने और हल करने में मदद मिलेगी। सेवानिवृत्ति जिला सत्र न्यायाधीश अजय शर्मा ने वार्ड सीमांकन की मांग की है और अब वार्ड के निवासियों के माध्यम से अब जिला कलक्टर को ज्ञापन देकर इसे पूरा करने की कोशिश में जुट गए हैं।

नागरिकों की अपील: वार्ड के निवासियों ने जिला कलक्टर से अपील की है कि वार्ड सीमांकन के मुद्दे पर विचार किया जाए। उनका कहना है कि वार्ड के बड़े क्षेत्र और विविध समस्याओं के कारण निवासियों को समय पर सुविधाएं और सेवाएं नहीं मिल पा रही हैं।

अजमेर नगर निगम का वार्ड नंबर 71 अपनी भौगोलिक संरचना और ऐतिहासिक पृष्ठभूमि के कारण विशेष महत्व रखता है। सीमांकन परिवर्तन की मांग अगर पूरी होती है, तो यह न केवल निवासियों के लिए बल्कि पूरे नगर निगम के लिए एक सकारात्मक कदम होगा।

जिला कलक्टर और नगर निगम अधिकारियों से अनुरोध: निवासियों की समस्याओं को ध्यान में रखते हुए इस मुद्दे पर जल्द से जल्द कार्रवाई की जाए।

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