सवाई माधोपुर जिला परिषद सभागार में ऊर्जा राज्यमंत्री हीरालाल नागर की अध्यक्षता में आयोजित समीक्षा बैठक हंगामे और तीखी नोकझोंक के चलते बाधित हो गई। बैठक में बामनवास विधायक इंदिरा मीणा और ऊर्जा राज्यमंत्री नागर के बीच बिजली आपूर्ति और भ्रष्टाचार को लेकर गर्मागर्म बहस हुई। खंडार से भाजपा विधायक जितेंद्र गोठवाल भी इस तीखी बहस के केंद्र में रहे।
बैठक में बिजली आपूर्ति और अवैध बजरी खनन जैसे मुद्दों पर चर्चा होनी थी। लेकिन, बैठक की शुरुआत से ही माहौल गर्म रहा। कांग्रेस विधायक इंदिरा मीणा ने बिजली आपूर्ति में ठेकेदारों और दलालों की भूमिका पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि किसानों को समय पर ट्रांसफॉर्मर नहीं मिल रहे और क्षेत्र में बिजली की समस्या गंभीर है।
भ्रष्टाचार को लेकर मंत्री और विधायक के बीच तीखी बहस: ऊर्जा राज्यमंत्री हीरालाल नागर ने आरोप लगाया कि ठेकेदारी प्रथा और भ्रष्टाचार पूर्ववर्ती गहलोत सरकार की देन है। मंत्री की इस टिप्पणी पर कांग्रेस विधायक इंदिरा मीणा भड़क गईं। उन्होंने कहा कि आप मुद्दे की बात नहीं कर रहे, यहां किसानों को बिजली नहीं मिल रही। आप उल्टा हमारी सरकार पर आरोप लगा रहे हैं।
ऊर्जा राज्यमंत्री हीरालाल नागर ने जवाब में कहा कि यह सब गहलोत सरकार की देन है। जो दलाली आपने और गहलोत सरकार ने मचाई थी, उसे हम सुधार रहे हैं। इस पर नाराज कांग्रेस विधायक इंदिरा मीणा ने गुस्से में अपने हाथ में रखा एजेंडे का कागज फाड़कर टेबल पर फेंक दिया और मीटिंग रूम से बाहर चली गईं।
बजरी खनन पर भी हुई बहस: बैठक के दौरान अवैध बजरी खनन पर भी तीखी बहस हुई। कांग्रेस विधायक इंदिरा मीणा ने आरोप लगाया कि सरकार अवैध बजरी खनन पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं कर रही है और रोजाना हजारों ट्रैक्टर अवैध बजरी ले जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि पुलिस उगाही कर रही है, इसे रोक कर दिखाओ। आप हमारी सरकार पर आरोप लगाना बंद करें और खुद कुछ करके दिखाएं।
खंडार से भाजपा विधायक जितेंद्र गोठवाल ने इन आरोपों का विरोध किया और कहा कि सरकार लगातार समस्याओं को सुलझाने के लिए प्रयास कर रही है। उन्होंने कहा कि बिना तथ्यों के आरोप लगाना गलत है।