जयपुर। अखिल राजस्थान राज्य कर्मचारी संयुक्त महासंघ (एकीकृत) के आह्वान पर प्रदेशभर के सरकारी कर्मचारियों ने बुधवार को एक घंटे का कार्य बहिष्कार किया। यह बहिष्कार 3 सितंबर को दोपहर 12:30 बजे से 1:30 बजे तक चला। इस दौरान कर्मचारियों ने कलेक्टर और विभागाध्यक्षों के माध्यम से मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजकर अपनी मांगें रखीं।
महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष गजेंद्र सिंह राठौड़ ने बताया कि विरोध के बाद सरकार ने तुरंत पहल की और कर्मचारियों की प्रमुख मांगों पर सहमति जताई।
प्रमुख शासन सचिव (चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवाएं) गायत्री राठौड़, कार्मिक शासन सचिव के. के. पाठक और आरजीएचएस के नोडल अधिकारी शाइन अली के साथ हुई वार्ता में यह सहमति बनी कि अनुमोदित अस्पतालों में आरजीएचएस के तहत इलाज और दवाओं की सेवाएं तुरंत शुरू की जाएंगी।कर्मचारियों की समस्याओं को सुनने और निपटाने के लिए सचिवालय स्तर पर एक संयुक्त शासन सचिव की नियुक्ति भी की जाएगी। वार्ता में सहमति बनने के बाद महासंघ ने फिलहाल आंदोलन को स्थगित करने की घोषणा कर दी। संगठन का कहना है कि सरकार ने सकारात्मक रवैया अपनाया है, और अब कर्मचारियों की मांगों का निराकरण जल्द होगा।
प्रदेशभर में कर्मचारियों ने विरोध प्रदर्शन कर सरकार का ध्यान आकर्षित किया। विभिन्न जिलों में कर्मचारियों ने कलेक्टर और विभागाध्यक्षों के माध्यम से ज्ञापन सौंपे। कर्मचारियों ने चेतावनी दी थी कि अगर मांगें नहीं मानी गईं तो आंदोलन को और तेज किया जाएगा। वार्ता और आंदोलन के दौरान कर्मचारी संगठनों के कई वरिष्ठ नेता मौजूद रहे। इनमें –सचिवालय अधिकारी संघ अध्यक्ष अभिमन्यु शर्मा,सचिवालय कर्मचारी संघ अध्यक्ष कजोडमल मीणा, महासंघ के प्रदेश वरिष्ठ उपाध्यक्ष देवेंद्र सिंह नरूका
सहित कई अन्य प्रमुख कर्मचारी नेता शामिल थे।