Monday, 25 November 2024

चितौड़गढ़ के फतह महल पैलेस में नाथद्वारा से भाजपा विधायक विश्वराज सिंह मेवाड़ का गद्दी पर बैठने का दस्तूर, खून से तिलक और 21 तोपों की सलामी


चितौड़गढ़ के फतह महल पैलेस में नाथद्वारा से भाजपा विधायक विश्वराज सिंह मेवाड़ का गद्दी पर बैठने का दस्तूर, खून से तिलक और 21 तोपों की सलामी

चितौड़गढ़ के ऐतिहासिक फतह महल पैलेस में मेवाड़ राजवंश की पुरानी परंपरा के अनुसार नाथद्वारा से भाजपा विधायक विश्वराज सिंह मेवाड़ का गद्दी पर बैठने का शाही दस्तूर संपन्न हुआ। इस खास मौके पर खून से तिलक कर उनकी ताजपोशी की रस्म अदा की गई। साथ ही, पूरे क्षेत्र में 21 तोपों की सलामी देकर इस ऐतिहासिक क्षण को राजसी शान के साथ मनाया गया।

राजसी परंपरा का निर्वहन

मेवाड़ की इस ऐतिहासिक परंपरा में गद्दी पर बैठने से पहले खून से तिलक करने की रस्म अदा की गई, जो वीरता और त्याग का प्रतीक मानी जाती है। यह परंपरा मेवाड़ राजवंश की बहादुरी और उनके गौरवशाली इतिहास को दर्शाती है।

फतह महल पैलेस का यह समारोह न केवल शाही परिवार के लिए बल्कि पूरे चितौड़गढ़ के लिए गर्व का अवसर रहा। पारंपरिक वाद्ययंत्रों की धुन और शाही रस्मों के बीच विश्वराज सिंह मेवाड़ ने अपनी गद्दी संभाली।

21 तोपों की सलामी

गद्दी पर बैठने की रस्म के दौरान 21 तोपों की सलामी दी गई। यह परंपरा शाही समारोहों में शक्ति और सम्मान का प्रतीक है। समारोह में स्थानीय लोग और देश-विदेश से आए मेहमान भी शामिल हुए।

राजसी समारोह में उमड़ा जनसमूह

इस शाही समारोह को देखने के लिए चितौड़गढ़ और आसपास के क्षेत्रों से हजारों लोग जुटे। शाही परिवार के सदस्यों के साथ ही कई गणमान्य अतिथियों ने भी समारोह में भाग लिया।

मेवाड़ राजवंश का गौरवशाली इतिहास

मेवाड़ राजवंश की परंपराएं उनकी बहादुरी और त्याग के लिए जानी जाती हैं। गद्दी पर बैठने की यह रस्म मेवाड़ के गौरवशाली इतिहास की झलक पेश करती है। विश्वराज सिंह मेवाड़ ने इस मौके पर कहा, "यह मेरी जिम्मेदारी है कि मैं अपने पूर्वजों की विरासत और परंपराओं को आगे बढ़ाऊं।"

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