दिवंगत पूर्व केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान के परिवार में संपत्ति को लेकर गंभीर विवाद उभरकर सामने आया है। उनकी पहली पत्नी राजकुमारी देवी ने पैतृक गांव शहरबन्नी (जिला खगड़िया, बिहार) में घर से निकाले जाने और संपत्ति में हिस्सेदारी से वंचित किए जाने का आरोप लगाया है। राजकुमारी देवी ने दावा किया कि जब वह स्नान कर रही थीं, तब रामविलास पासवान के छोटे भाई व केंद्रीय मंत्री रहे पशुपति कुमार पारस और उनके परिवार की ओर से उनके दोनों कमरों में ताला जड़ दिया गया और उन्हें घर से बाहर निकाल दिया गया।
इस पूरे घटनाक्रम के बाद राजकुमारी देवी की तबीयत भी बिगड़ गई है। स्थानीय ग्रामीणों ने बताया कि जब वे उन्हें देखने पहुंचे तो राजकुमारी देवी को ऑक्सीजन लगी हुई थी और वे मानसिक रूप से बेहद तनाव में थीं। उनका कहना है कि इस उम्र में इस तरह का व्यवहार निंदनीय और अमानवीय है।
राजकुमारी देवी के नाती प्रिंस पासवान ने भी इस मामले में कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि, “अगर संपत्ति को लेकर विवाद है तो परिवार के लोग बैठकर आपसी सहमति से बंटवारा करें, लेकिन 80 साल की नानी को प्रताड़ित करना अमानवीय है।”
लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के प्रवक्ता राजेश भट्ट ने बयान जारी कर कहा कि, “रामविलास पासवान की पहली पत्नी और पार्टी अध्यक्ष चिराग पासवान की मां के साथ अभद्रता की गई है। यह कृत्य पशुपति पारस के परिवार द्वारा सरकारी बॉडीगार्ड की मदद से किया गया, जो बेहद शर्मनाक और निंदनीय है।”
राजकुमारी देवी ने चिराग पासवान से अपील की है कि वे शीघ्र गांव पहुंचें और संपत्ति का बंटवारा कराएं। उन्होंने भावुक होते हुए कहा कि, “अगर हमें जल्द न्याय नहीं मिला तो हम मर जाएंगे।”
गौरतलब है कि रामविलास पासवान ने 1960 में राजकुमारी देवी से विवाह किया था, लेकिन 1983 में तलाक के बाद उन्होंने रीना शर्मा से दूसरी शादी की, जिनसे उन्हें बेटा चिराग पासवान हुआ। हालांकि, चिराग और उनकी बड़ी मां राजकुमारी देवी के रिश्ते मधुर और सम्मानजनक रहे हैं, और चिराग अक्सर अपने पैतृक गांव का दौरा भी करते रहे हैं। अब सभी की निगाहें इस ओर टिकी हैं कि चिराग पासवान इस पारिवारिक विवाद को कैसे सुलझाते हैं।