राजस्थान की झुंझुनूं विधानसभा सीट पर इस बार का उपचुनाव बेहद दिलचस्प हो गया है। लंबे समय से कांग्रेस के गढ़ मानी जाने वाली इस सीट पर पहली बार त्रिकोणीय मुकाबला देखने को मिल रहा है। पूर्व केंद्रीय मंत्री शीशराम ओला और उनके परिवार का इस सीट पर लंबे समय से कब्जा रहा है। 2008 से उनके बेटे बृजेन्द्र सिंह ओला यहां से लगातार विधायक बनते आ रहे थे। उनके सांसद चुने जाने के बाद इस सीट पर उपचुनाव हो रहा है।
झुंझुनूं सीट पर 13 नवंबर को हुए मतदान में कुल 66.14% वोटिंग हुई। दो लाख 74,698 मतदाताओं में से 1,81,680 ने अपने मताधिकार का उपयोग किया। इसके अलावा, होम वोटिंग में 557 मतदाताओं ने हिस्सा लिया।
कांग्रेस के लिए यह सीट हमेशा से सुरक्षित मानी जाती थी, लेकिन इस बार हालात बदले हुए हैं। लाल डायरी प्रकरण से सुर्खियों में आए राजेंद्र गुड्डा ने कांग्रेस के लिए मुश्किलें बढ़ा दी हैं। उन्होंने आजाद समाज पार्टी से प्रत्याशी उतारकर कांग्रेस के वोट बैंक, खासतौर पर मुस्लिम समाज, में बड़ी सेंध लगा दी है।
मुस्लिम समाज का कांग्रेस के साथ परंपरागत रूप से जुड़ाव रहा है, लेकिन इस बार नाराजगी के कारण वोट बंटते नजर आ रहे हैं। इससे भाजपा को फायदा मिलने की संभावना जताई जा रही है।
इस बार झुंझुनूं सीट पर कांग्रेस, भाजपा, और आजाद समाज पार्टी के बीच कड़ा मुकाबला है। कांग्रेस के गढ़ में सेंध लगने से भाजपा के लिए जीत का रास्ता आसान दिख रहा है।
झुंझुनूं सीट का यह उपचुनाव कांग्रेस के लिए एक चुनौतीपूर्ण परीक्षा है। भाजपा इस मौके का पूरा फायदा उठाने की कोशिश कर रही है, जबकि राजेंद्र गुड्डा का लाल डायरी प्रकरण और मुस्लिम वोटों का बंटवारा कांग्रेस के लिए मुश्किलें खड़ी कर रहा है।
क्या कांग्रेस अपनी परंपरागत सीट बचा पाएगी, या भाजपा बाजी मार ले जाएगी? या फिर राजेंद्र गुड्डा का प्रभाव चौंकाने वाले नतीजे लेकर आएगा? लाइव अपडेट्स के लिए जुड़े रहें।