मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने गुरुवार को पर्यटन, कला एवं संस्कृति विभाग की समीक्षा बैठक में राज्य में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए ठोस कदम उठाने के निर्देश दिए। उन्होंने पर्यटन स्थलों के विकास कार्यों का वर्गीकरण कर प्राथमिकता वाले कार्यों को तेजी से निपटाने पर जोर दिया। मुख्यमंत्री ने कहा कि पर्यटन से राज्य के राजस्व में वृद्धि और रोजगार के अधिक अवसर सृजित किए जाएंगे।
मुख्य बिंदु:
पर्यटन स्थलों की ब्रांडिंग:
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को प्रभावी ब्रांडिंग और प्रचार-प्रसार पर ध्यान देने का निर्देश दिया, ताकि अधिक पर्यटक राजस्थान का रुख करें।
20,000 युवाओं को प्रशिक्षण:
मुख्यमंत्री पर्यटन कौशल विकास कार्यक्रम के तहत अगले 2 वर्षों में 20,000 युवाओं और लोक कलाकारों को पारंपरिक कला और आतिथ्य से संबंधित प्रशिक्षण दिया जाएगा।
स्मारकों का संरक्षण और विकास:
प्राचीन स्मारकों और पेनोरमा को अधिक आकर्षक बनाने के लिए दिल्ली, उत्तर प्रदेश और गुजरात के स्मारकों के दौरे कर नवाचार अपनाने की सलाह दी गई।
युवाओं में विरासत का महत्व:
युवाओं को ऐतिहासिक विरासत से जोड़ने के लिए स्कूली विद्यार्थियों के लिए क्षेत्रीय स्मारकों पर यात्राएं आयोजित करने की योजना बनाई जाएगी।
नवीन पर्यटन नीति:
मुख्यमंत्री ने बताया कि राजस्थान में जल्द ही नई पर्यटन नीति लागू की जाएगी, जिसमें इको, रूरल, हैरिटेज और एडवेंचर टूरिज्म को प्राथमिकता दी जाएगी।
विशेष पर्यटन परियोजनाएं:
महाराणा प्रताप टूरिस्ट सर्किट।
जैसलमेर में फॉसिल पार्क और ओपन रॉक्स म्यूजियम।
आमेर और चित्तौड़गढ़ में लाइट एंड साउंड शो का उन्नयन।
रामगढ़ क्रेटर और सांभर झील क्षेत्र का विकास।
कृष्ण गमन पथ और जयपुर चारदीवारी हैरिटेज विकास के लिए 100 करोड़ रुपये की योजना।
ग्लोबल इन्वेस्टमेंट समिट:
9 से 11 दिसंबर को आयोजित राइजिंग राजस्थान ग्लोबल इन्वेस्टमेंट समिट के तहत पर्यटन विभाग ने एमओयू साइन किए हैं, जिससे युवाओं के लिए रोजगार के बड़े अवसर पैदा होंगे।
बैठक में शामिल:
बैठक में उप मुख्यमंत्री दिया कुमारी, राजस्थान धरोहर प्राधिकरण के अध्यक्ष ओंकार सिंह लखावत, मुख्य सचिव सुधांश पंत, अतिरिक्त मुख्य सचिव वित्त अखिल अरोड़ा और अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।