जयपुर के प्रसिद्ध अल्बर्ट हॉल म्यूजियम में डिजिटल बाल मेला और यूनिसेफ द्वारा आयोजित पेंटिंग प्रदर्शनी का उद्घाटन कैबिनेट मंत्री अविनाश गहलोत ने फीता काटकर किया। यह आयोजन विश्व बाल दिवस के अवसर पर किया गया, जिसमें प्रदेश भर के विद्यालयों के 50 से अधिक बच्चों की पेंटिंग प्रदर्शित की गई। बच्चों ने एआई, बाल अधिकार, रोजगार के अवसर और जलवायु परिवर्तन जैसे गंभीर विषयों पर अपनी कला से संदेश दिए।
इस अवसर पर यूनिसेफ द्वारा तैयार की गई स्टेट ऑफ़ वर्ल्ड चिल्ड्रेन रिपोर्ट भी जारी की गई। यूनिसेफ राजस्थान के प्रमुख ऋषभ हेमानी ने कहा कि इस साल का मुख्य विषय क्लाइमेट चेंज है। उन्होंने बताया कि बच्चों को भविष्य की चुनौतियों के लिए तैयार करना और उनकी सहभागिता बढ़ाने के लिए यूनिसेफ और फ्यूचर सोसाइटी आगे भी ऐसे कार्यक्रमों का आयोजन करेंगे।
सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री अविनाश गहलोत ने बच्चों को विश्व बाल दिवस की बधाई देते हुए कहा कि कला बच्चों के सशक्तिकरण और मानसिक विकास का पहला कदम है। उन्होंने कहा,"कला बच्चों के चरित्र निर्माण और उनकी कल्पनाओं को उड़ान देने का माध्यम है।"
सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री अविनाश गहलोत ने बच्चों के उज्ज्वल भविष्य के लिए ऐसे आयोजनों की आवश्यकता पर बल दिया।
डिजिटल बाल मेला की प्रतिनिधि जाह्नवी शर्मा ने बताया कि इस आयोजन का उद्देश्य बच्चों के अधिकारों की सुरक्षा और उन्हें अपनी बात रखने का मंच प्रदान करना है। उन्होंने कहा कि विश्व बाल दिवस बच्चों को सशक्त बनाने और उनके विचारों को समाज तक पहुंचाने का एक अवसर है।
प्रदर्शनी में बच्चों ने जलवायु परिवर्तन, बाल अधिकार, रोजगार, और तकनीकी विकास जैसे विषयों पर अपनी रचनात्मकता का प्रदर्शन किया। बच्चों ने बताया कि प्रदेश में ऐसे और नवाचारों की आवश्यकता है, जो उनकी प्रतिभा को बढ़ावा दें।
यह आयोजन बच्चों के अधिकारों, उनकी सुरक्षा, और भविष्य की चुनौतियों के प्रति जागरूकता बढ़ाने का एक महत्वपूर्ण प्रयास था। “इक्वलि सेंसिटिव राजस्थान” अभियान के तहत यह आयोजन बच्चों की प्रतिभा को प्रोत्साहन देने के लिए किया गया।