देवली-उनियारा विधानसभा से निर्दलीय प्रत्याशी नरेश मीणा और समरावता गांव के पीड़ित ग्रामीणों के समर्थन में भारत आदिवासी पार्टी (बाप) ने मोर्चा संभाल लिया है। सोमवार रात राजस्थान और मध्यप्रदेश के तीन विधायक समरावता पहुंचे और पीड़ित ग्रामीणों से मुलाकात कर उनके दुख-दर्द को जाना।
मध्यप्रदेश के सेलाना विधायक कमलेश्वर डोडियार ने पुलिस की कार्रवाई को "बर्बर" बताते हुए इसे मानवता पर धब्बा करार दिया। विधायकों ने समरावता के लोगों पर हुई कार्रवाई को एकतरफा बताया और इसमें शामिल सभी अधिकारियों और पुलिसकर्मियों पर SC-ST एक्ट और अन्य धाराओं के तहत मुकदमे दर्ज करने की मांग की।
सोमवार रात को भारत आदिवासी पार्टी के विधायक थावरचंद डामोर, जयकृष्ण पटेल और कमलेश्वर डोडियार ने समरावता में ग्रामीणों के साथ रात्रि चौपाल का आयोजन किया। उन्होंने गांव वालों से संवाद कर उनकी समस्याओं को सुना और आश्वासन दिया कि इस प्रकरण को विधानसभा और संसद में उठाया जाएगा।
कमलेश्वर डोडियार ने कहा पुलिस ने समरावता गांव में घरों में घुसकर लोगों को पीटा, वाहनों को तोड़ा और आग के हवाले किया। यह कार्रवाई मानवता को तार-तार करने वाली है। दोषियों के खिलाफ सख्त कदम उठाए जाने चाहिए।"
उन्होंने कहा कि पूरे मामले की रिपोर्ट मानवाधिकार आयोग और अनुसूचित जनजाति आयोग को भेजी जाएगी।
बाप पार्टी के राष्ट्रीय सदस्य कांति भाई रोत, जितेंद्र मीणा, और हंसराज धांध्या ने समरावता गांव का दौरा कर ग्रामीणों को भरोसा दिलाया कि उनकी आवाज को हर मंच पर बुलंद किया जाएगा।
समरावता प्रकरण में भारत आदिवासी पार्टी के समर्थन से मामले ने राजनीतिक मोड़ ले लिया है। इस घटनाक्रम से राजस्थान और मध्यप्रदेश की राजनीति में नई चर्चाओं का दौर शुरू हो गया है।