जयपुर के बिरला सभागार में एकात्म मानव दर्शन अनुसंधान एवं विकास प्रतिष्ठान द्वारा आयोजित दीनदयाल स्मृति व्याख्यान में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के सह सरकार्यवाह अरुण कुमार ने "वर्तमान वैचारिक परिदृश्य एवं चुनौतियां" विषय पर गहन चर्चा की। इस मौके पर मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा, उप मुख्यमंत्री प्रेम चंद बैरवा, भाजपा प्रदेशाध्यक्ष मदन राठौड़, खेल मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौड़, पूर्व नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़, और अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।
अरुण कुमार ने कहा कि भारत एक ऐसा देश है जिसने सदियों तक बाहरी हमलों का सामना करते हुए अपनी संस्कृति, धर्म, और वैचारिक आधार को बनाए रखा है। उन्होंने कहा, "आज भारत आर्थिक और सैन्य शक्ति के रूप में मजबूत है। यह वैचारिक रूप से भी सुदृढ़ हो रहा है।"
उन्होंने कहा कि भारत के गांवों से निकलने वाली प्रतिभाएं आज शिखर पर हैं। यह सामाजिक क्रांति का प्रतीक है। उन्होंने जोर दिया कि देश को वैचारिक स्पष्टता की जरूरत है ताकि समाज में भ्रम फैलाने वाले तत्व कमजोर हो सकें।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के सह सरकार्यवाह अरुण कुमार ने कहा कि भारत एक ऐसा देश है जिसने सदियों तक बाहरी हमलों का सामना करते हुए अपनी संस्कृति, धर्म, और वैचारिक आधार को बनाए रखा है। उन्होंने कहा, "आज भारत आर्थिक और सैन्य शक्ति के रूप में मजबूत है। यह वैचारिक रूप से भी सुदृढ़ हो रहा है।"
उन्होंने कहा कि भारत के गांवों से निकलने वाली प्रतिभाएं आज शिखर पर हैं। यह सामाजिक क्रांति का प्रतीक है। उन्होंने जोर दिया कि देश को वैचारिक स्पष्टता की जरूरत है ताकि समाज में भ्रम फैलाने वाले तत्व कमजोर हो सकें।
अरुण कुमार ने भारतीय इतिहास में इस्लामिक आक्रमण, अंग्रेजी शासन, और उसके प्रभावों पर चर्चा की। उन्होंने कहा कि, "इस्लामिक आक्रमण के दौरान हमारी संस्कृति, परंपराएं, और शिक्षा प्रणाली पर गंभीर हमले हुए। विश्वविद्यालय, गुरुकुल नष्ट हो गए।"
उन्होंने कहा कि अंग्रेजी शासन ने भारतीयों को उनकी जड़ों से काटने का प्रयास किया। "अंग्रेजी शिक्षा ने भारतीयों को यह मानने पर मजबूर किया कि उनके पूर्वज मूर्ख थे और पश्चिमी संस्कृति श्रेष्ठ है।"
सह सरकार्यवाह ने वर्तमान समय में भ्रम फैलाने वाली विचारधाराओं और पश्चिमी सांस्कृतिक प्रभावों पर चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि "आज के समय में विचार ही सबसे बड़ी ताकत है। हमें अपनी पहचान और विचारधारा को मजबूत करना होगा।"
उन्होंने कहा, "आज 'मेरा शरीर, मेरा अधिकार' जैसी विचारधाराएं परिवार और समाज की संरचना को तोड़ने का काम कर रही हैं।"
उन्होंने कहा कि भारत आने वाले 25 वर्षों में स्वतंत्रता से स्वाधीनता की ओर बढ़ेगा। यह "अमृत काल" भारत को वैश्विक स्तर पर एक नेतृत्वकारी भूमिका में स्थापित करेगा।