राजस्थान के 49 नगर निकायों का कार्यकाल इस महीने 26 नवंबर को समाप्त हो रहा है। लेकिन अब तक निकाय चुनावों के लिए कोई तैयारी नहीं की गई है, जिससे जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों में असमंजस की स्थिति उत्पन्न हो गई है। नगर निकायों के चुनाव की प्रक्रिया स्पष्ट न होने के कारण, प्रदेश सरकार द्वारा इन निकायों में शीघ्र ही प्रशासकों की नियुक्ति की संभावना जताई जा रही है।
संविधान के अनुच्छेद 243 के तहत नगर निकायों का कार्यकाल 5 वर्षों का ही निर्धारित है। इसी तरह राजस्थान नगर पालिका अधिनियम की धारा 7 में भी निकायों का कार्यकाल 5 वर्ष से अधिक नहीं हो सकता। ऐसे में यह तय है कि 26 नवंबर को 49 शहरी नगरीय निकायों का कार्यकाल समाप्त होते ही चुनाव न होने की स्थिति में प्रशासक नियुक्त किए जा सकते हैं।
चुनाव प्रक्रिया में देरी के कारण, वर्तमान जनप्रतिनिधियों की जगह प्रशासकों को कमान सौंपे जाने की संभावना बढ़ गई है। राज्य सरकार और निर्वाचन आयोग की ओर से अभी तक चुनाव की अधिसूचना जारी नहीं की गई है। इससे 49 नगर निकायों के नागरिकों में भी असमंजस का माहौल बना हुआ है, जो अपने विकास कार्यों के लिए स्थायी समाधान की अपेक्षा रखते हैं।
सूत्रों के अनुसार, राज्य सरकार ने हाल ही में उच्च स्तरीय बैठक कर प्रशासकों की संभावित नियुक्ति के लिए आवश्यक तैयारियों पर चर्चा की है। अगर चुनाव नहीं होते हैं, तो प्रशासकों की नियुक्ति से इन नगर निकायों का संचालन जारी रहेगा। सरकार से निकाय चुनावों की स्थिति पर जल्द ही अधिसूचना जारी करने की उम्मीद है।