राजस्थान के प्री-समिट में स्वास्थ्य क्षेत्र में 25 हजार करोड़ रुपए से अधिक के निवेश के लिए एमओयू पर हस्ताक्षर किए गए। इस प्री-समिट का आयोजन 'इन्वेस्ट इन हेल्थ, इनोवेट फॉर हॉलिस्टिक फ्यूचर' थीम पर किया गया, जिसमें प्रदेश के साथ-साथ देशभर से स्वास्थ्य और चिकित्सा क्षेत्र से जुड़े कई निवेशक, फार्मा कंपनियां, बड़े हॉस्पिटल ग्रुप और मेडिकल डिवाइस निर्माता शामिल हुए। इस अवसर पर मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने प्रदेश में छोटे निवेशों पर जोर देते हुए कहा कि ऐसे निवेश लंबे समय तक टिकाऊ होते हैं और स्थानीय स्तर पर रोजगार का सृजन करते हैं। मुख्यमंत्री शर्मा ने कहा, “अब तक हमें हेल्थ सेक्टर में 57 हजार करोड़ रुपए के 300 से अधिक निवेश प्रस्ताव प्राप्त हो चुके हैं। लेकिन हमें छोटे शहरों में छोटे निवेशों को प्राथमिकता देनी चाहिए ताकि वे जमीन पर उतर सकें और स्थानीय विकास में सहायक बनें।” उन्होंने कहा कि राज्य की 88% जनता हेल्थ बीमा के अंतर्गत कवर है, जो देश में सबसे अधिक है। इस प्री-समिट का आयोजन हेल्थ मिनिस्टर गजेन्द्र सिंह खींवसर की अध्यक्षता में हुआ, जिसमें राज्य के स्वास्थ्य विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों ने राजस्थान की भौगोलिक विशेषताओं और निवेश की उपयुक्तता पर प्रकाश डाला। इस आयोजन में केंद्रीय आयुष सचिव वैद्य राजेश कोटेचा, प्रमुख चिकित्सा सचिव गायत्री राठौड़, प्रमुख आयुर्वेद सचिव भवानी सिंह देथा, चिकित्सा शिक्षा सचिव अम्बरीश कुमार, और राजस्थान मेडिकल सर्विस कॉरपोरेशन लि. की एमडी नेहा गिरी समेत अन्य गणमान्य अधिकारी उपस्थित रहे। 16 हजार करोड़ के एमओयू पर हस्ताक्षर सिर्फ व्यवहारिक एमओयू पर ध्यान देने का आग्रह
बुधवार और गुरुवार को 16,176 करोड़ रुपए के एमओयू साइन किए गए, जिसमें चिकित्सा शिक्षा क्षेत्र में 14 हजार करोड़ रुपए और आयुष क्षेत्र में 2,157 करोड़ रुपए के एमओयू शामिल हैं। इनमें कई नए अस्पताल और मेडिकल कॉलेज स्थापित करने के प्रस्ताव भी शामिल हैं।
मुख्यमंत्री ने अपने संबोधन में छोटे और व्यवहारिक एमओयू की प्राथमिकता पर जोर दिया, ताकि वे आसानी से जमीन पर उतर सकें। उन्होंने कहा कि छोटे निवेश अधिक स्थिर होते हैं और इनसे स्थानीय स्तर पर रोजगार के अवसर बढ़ते हैं। मुख्यमंत्री ने प्रदेश की स्वास्थ्य बीमा कवरेज को भी राज्य की प्रमुख उपलब्धि बताया, जिससे प्रदेशवासियों को स्वास्थ्य सेवा में आसानी होती है।