Thursday, 21 November 2024

आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी 2025: भारत ने पाकिस्तान में खेलने से किया इनकार, पीसीबी और आईसीसी के सामने खड़े हुए कई सवाल


आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी 2025: भारत ने पाकिस्तान में खेलने से किया इनकार, पीसीबी और आईसीसी के सामने खड़े हुए कई सवाल

आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी का आयोजन अगले साल पाकिस्तान में होना है, लेकिन इस प्रतिष्ठित टूर्नामेंट से पहले ही बड़ा विवाद खड़ा हो गया है। भारत ने सुरक्षा चिंताओं और अन्य कारणों का हवाला देते हुए पाकिस्तान में जाकर खेलने से साफ इनकार कर दिया है। बीसीसीआई ने आईसीसी को इस फैसले की सूचना दी, जिसके बाद पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (पीसीबी) ने आपत्ति जताते हुए स्पष्टीकरण की मांग की है। पीसीबी का कहना है कि बीसीसीआई को पाकिस्तान में न खेलने का कारण स्पष्ट करना चाहिए।

फैंस और क्रिकेट पंडितों के बीच बढ़ी असमंजस

भारत के इस फैसले के बाद से क्रिकेट जगत में हलचल मच गई है। फैंस अब यह जानना चाहते हैं कि क्या टूर्नामेंट रद्द हो जाएगा, या फिर भारत के बिना खेला जाएगा। पीसीबी ने हाईब्रिड मॉडल (जिसमें भारत के मैच पाकिस्तान से बाहर कराए जा सकते हैं) को अपनाने से इनकार कर दिया है। पाकिस्तान के कई पूर्व क्रिकेटरों ने इस पर विवादित टिप्पणियां की हैं, और कुछ तो भारत के बिना टूर्नामेंट कराने का सुझाव भी दे रहे हैं। वहीं, अन्य विशेषज्ञ इस बात पर जोर दे रहे हैं कि भारत के बिना टूर्नामेंट का आयोजन करने से आईसीसी और पीसीबी दोनों को वित्तीय नुकसान हो सकता है।

पीसीबी के सामने विकल्प

अब आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी के आयोजन को लेकर पीसीबी के पास कुछ प्रमुख विकल्प बचते हैं:

  1. हाईब्रिड मॉडल स्वीकार करना: पीसीबी का सबसे सरल विकल्प है कि वह हाईब्रिड मॉडल को अपनाने पर सहमति दे। इसके तहत भारत के मैच और फाइनल पाकिस्तान के बाहर, संभवतः दुबई में आयोजित किए जा सकते हैं। इस मॉडल में पाकिस्तान को मेजबानी का अधिकतर लाभ भी मिलेगा और आईसीसी को संभावित वित्तीय नुकसान से भी बचाया जा सकेगा।

  2. टूर्नामेंट को पाकिस्तान से बाहर कराना: अगर पीसीबी हाईब्रिड मॉडल को नहीं मानता, तो आईसीसी पूरा टूर्नामेंट पाकिस्तान से बाहर करा सकती है। इससे पहले 2021 में भारत ने सुरक्षा कारणों के चलते अपने यहां होने वाले टी20 विश्व कप को यूएई और ओमान में आयोजित किया था। इसी तरह, चैंपियंस ट्रॉफी को दक्षिण अफ्रीका में आयोजित करने की भी संभावना हो सकती है।

  3. भारत को टूर्नामेंट से बाहर रखना: एक विकल्प यह भी है कि भारत को टूर्नामेंट से बाहर कर दिया जाए और उनकी जगह श्रीलंका को शामिल कर लिया जाए। लेकिन भारत की गैरमौजूदगी से न सिर्फ पीसीबी बल्कि आईसीसी को भी भारी आर्थिक नुकसान झेलना पड़ेगा।

  4. टूर्नामेंट स्थगित करना: आखिरी और विवादों से बचने का विकल्प है कि इस चैंपियंस ट्रॉफी को फिलहाल स्थगित कर दिया जाए और स्थिति शांत होने के बाद दोबारा इसकी योजना बनाई जाए।

पीसीबी की प्रतिक्रिया

पीसीबी ने बीसीसीआई के इस फैसले पर फिलहाल कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं दी है। हालांकि, पीसीबी के एक सूत्र के अनुसार, वे अपने कानूनी सलाहकारों के साथ मिलकर इस मामले पर आईसीसी को ईमेल भेजेंगे और भारत के निर्णय पर स्पष्टीकरण की मांग करेंगे। पीसीबी ने भारत के इस फैसले के बाद अपने सरकारी अधिकारियों से भी सलाह-मशविरा किया है।

हाइब्रिड मॉडल पर आईसीसी का रुख

आईसीसी ने पीसीबी को सुझाव दिया है कि यदि वह हाईब्रिड मॉडल को मान ले, तो उसे पूरी मेजबानी का लाभ मिलेगा और अधिकतर मैच पाकिस्तान में ही होंगे। आईसीसी ने इस प्रस्ताव में यह भी स्पष्ट किया कि फाइनल दुबई में कराया जा सकता है।

आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी के आयोजन पर मंडराते इस संकट ने क्रिकेट प्रशंसकों के बीच असमंजस बढ़ा दिया है। भारत के टूर्नामेंट में न खेलने के फैसले ने पीसीबी को कई महत्वपूर्ण फैसले लेने के लिए मजबूर कर दिया है। क्या यह टूर्नामेंट पाकिस्तान में होगा या इसे अन्य किसी देश में ले जाया जाएगा, या फिर इसे स्थगित कर दिया जाएगा? फिलहाल, इन सवालों का उत्तर आने वाले हफ्तों में ही मिल पाएगा।

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