Thursday, 21 November 2024

'टेक-कनेक्ट 2024' आयोजित: राजस्थान का समावेशी विकास हम-सभी का दायित्व प्रौद्योगिकी, उद्योग और शिक्षा जगत के समन्वय से 'विकसित भारत 2047' के लिए कार्य हो


'टेक-कनेक्ट 2024' आयोजित: राजस्थान का समावेशी विकास हम-सभी का दायित्व प्रौद्योगिकी, उद्योग और शिक्षा जगत के समन्वय से 'विकसित भारत 2047' के लिए कार्य हो

राज्यपाल हरिभाऊ बागडे ने प्रौद्योगिकी, उद्योग और शिक्षा जगत के समन्वय से 'विकसित भारत 2047' के लिए सभी को मिलकर कार्य करने का आह्वान किया है। उन्होंने 'टेक कनेक्ट 2024' को महत्वपूर्ण बताते हुए कहा कि 'आत्मनिर्भर भारत' के अंतर्गत उपलब्ध स्थानीय संपदा और मानव संपदा का प्रभावी उपयोग करने की रणनीति पर कार्य किया जाए। उन्होंने विश्वविद्यालयों, उद्योग जगत और प्रौद्योगिकी से जुड़े संस्थानों को मिलकर कौशल प्रशिक्षण कार्यक्रम के लिए भी प्रभावी कार्य किए जाने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि राजस्थान का समावेशी विकास भी हम—सभी का दायित्व है।

बागडे गुरूवार को पूर्णिमा कॉलेज में 'टेक—कनेक्ट2024' में संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि यह समय सूचना और संचार प्रौद्योगिकी का है। देश में प्रौद्योगिकी, उद्योग और शिक्षा के समावेश से ऐसे तंत्र की स्थापना की जाए जिससे सतत और स्थाई विकास के लिए कार्य हो सके। उन्होंने राजस्थान के युवाओं को प्रौद्योगिकी और शिक्षा के बीच की खाई को पाटकर राज्य में कृषि, खाद्य और पोषण, पशु चिकित्सा, चिकित्सा और स्वास्थ्य, विनिर्माण, सेवा क्षेत्र आदि के लिए प्रभावी कार्य किए जाने की आवश्यकता जताई।

उद्योग व वाणिज्य मंत्री कर्नल राज्यवर्धन राठौड़ ने युवा भारत की बात करते हुए कहा कि आज दुनियाभर के बिजनेस भारत की ओर रुख कर रहे हैं। ऐसे में कहा जा सकता है कि आने वाला समय देश के लिए स्वर्णिम काल होगा। उन्होंने स्टूडेंट्स से दैनिक जीवन की समस्याओं के समाधान तलाशने की अपील की।

विज्ञान भारती राजस्थान के सचिव डॉ. मेघेंद्र शर्मा ने 'टेक कनेक्ट—2024' की जानकारी देते हुए बताया कि इस तीन दिवसीय आयोजन में आठ क्षेत्रों के 700 से अधिक प्रोजेक्ट प्रदर्शित किए जा रहे हैं। पूर्णिमा ग्रुप के चेयरमेन शशिकांत सिंघी ने कहा कि पहली बार आयोजित किया जा रहा 'टेक कनेक्ट—2024' सभी के लिए संभावनाओं के नवीन द्वार खोलेगा। उदघाटन समारोह के अंत में मेजबान पूर्णिमा कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग के डायरेक्टर व प्रिंसिपल डॉ. महेश एम. बुदेले ने धन्यवाद ज्ञापित किया।

उद्घाटन समारोह में पूर्णिमा ग्रुप के चेयरमेन शशिकांत सिंघी भी उपस्थित थे। राज्यपाल हरिभाऊ बागडे ने नई शिक्षा नीति की बात करते हुए इसके लाभ बताए और कहा कि यह युवाओं को जॉब देने के काबिल बनाने पर और कौशल विकास पर आधारित है। उन्होंने युवाओं से अपील की कि वे विकसित भारत के लक्ष्य की प्राप्ति में अपना हर संभव योगदान दें और भारत को नंबर वन बनाएं। राज्यपाल ने जीवन में मानव धर्म को सबसे महत्वपूर्ण बताया।

टेक (टेक्नोलॉजी, एक्सपोर्ट व नॉलेज) के मुख्य आधार पर आयोजित किए जा रहे इस कार्यक्रम में कार्यक्रम में सीएसआईआर, आईसीएआर, इसरो व डीआरडीओ जैसे राष्ट्रीय संस्थानों की ओर से तकनीकी प्रदर्शनी लगाई गई। इसमें कई इनोवेटिव मॉडल्स व प्रोजेक्ट्स प्रदर्शित किए गए। साथ ही देश के कई प्रतिष्ठित संस्थानों की भागीदारी देखने को मिली और विशेषज्ञों के टेक्निकल सेशन, पैनल डिस्कशन, स्टूडेंट साइंटिस्ट इंटरेक्शन, लेक्चर, टेक्निकल एग्जीबिशन आयोजित किए जा रहे हैं।प्रथम दिन 'द फ्यूचर ऑफ फूड सिस्टम्स: हाउ एग्री टेक एंड वेट टेक आर ट्रांसफोर्मिंग डेयरी फार्मिंग', 'द फ्यूचर ऑफ इंटर्नशिप प्रोग्राम्स इन हेल्थ एंड फार्मा' अडेप्टिंग टू टेक्नोलॉजिकल एडवांसेज', 'ब्रिजिंग द स्किल गैप इन सेमीकंडक्टर मैन्यूफैक्चरिंग: स्ट्रेटेजीज फॉर इन्क्लूजन इन द वर्कफोर्स' और 'द फ्यूचर ऑफ वर्कफोर्स डेवलपमेंट इन मैन्यूफैक्चरिंग: ट्रेंड्स एंड टेक्नोलॉजी इन्क्लूजन' विषयों पर पैनल डिस्कशन आयोजित किए गए। इनके अलावा अन्य पैनल डिस्कशन में क्लासरूम टू फील्ड, फार्मा इनोवेशंस, रिन्यूएबल एनर्जी प्रोजेक्ट्स और स्मार्ट टेक्सटाइल जैसे विषयों पर चर्चा की गई। एमएसएमई हैकथॉन प्रथम दिन का मुख्य आकर्षण रहा।

टेक्नोलॉजी डेमोंस्ट्रेशन, प्रोजेक्ट व मॉडल एग्जीबिशन, टॉक, टेक्निकल सैशन भी आयोजित किए गए। साथ ही स्टूडेंट्स को कुछ प्रमुख इंडस्ट्री एक्सपर्ट व वैज्ञानिकों से साधे रूबरू होने का मौका भी मिल रहा है। उल्लेखनीय है कि तीन दिवसीय यह कार्यक्रम एग्रीकल्चर, हॉर्टिकल्चर, मेडिकल व हेल्थ, इंजीनियरिंग व टेक्नोलॉजी, मैन्यूफैक्चरिंग, सर्विस सेक्टर, एक्सपोर्ट व विभिन्न योजनाओं पर केंद्रित है।


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