राजस्थान के क्षेत्र डीग में डिप्थीरिया बीमारी ने बच्चों को अपना शिकार बना लिया है। पिछले एक महीने में इस बीमारी से अब तक 8 बच्चों की मौत हो चुकी है, जबकि 24 बच्चे पॉजिटिव पाए गए हैं। बच्चों में इस बीमारी के बढ़ते मामलों को देखते हुए विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) और जयपुर से चिकित्सा विभाग की टीमें डीग पहुंच चुकी हैं और गांव-गांव में टीकाकरण अभियान चलाया जा रहा है।
डीग के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (CMHO) विजय सिंघल ने बताया कि इस बीमारी की शुरुआत 14 सितंबर को कामां इलाके में हुई, जहां 7 साल के सुमित की मौत हो गई थी। इसके बाद 28 सितंबर को पहाड़ी, कामां और नगर में तीन बच्चों की मौत हुई। इसी तरह 30 सितंबर और 9-12 अक्टूबर के बीच नगर में तीन और बच्चों ने अपनी जान गंवा दी।
CMHO ने बताया कि नवजात से लेकर 16 साल तक के बच्चों को इस बीमारी का खतरा होता है। इसमें बुखार, गले में सूजन, और खांसी जैसे लक्षण सामने आते हैं। डिप्थीरिया के प्रसार को रोकने के लिए टीकाकरण अति आवश्यक है। हालांकि, टीकाकरण कार्यक्रम की स्थिति पर चिंताएं उठ रही हैं, क्योंकि यूनिसेफ और WHO द्वारा घर-घर सर्वे के बावजूद बच्चे बिना टीकाकरण के पाए गए हैं, जिससे टीकाकरण से जुड़े आंकड़े और उनकी प्रभावशीलता पर सवाल खड़े हो रहे हैं।
चिकित्सा विभाग द्वारा गहन मॉनिटरिंग और टीकाकरण कार्यक्रम को अब पुनः सख्ती से लागू किया जा रहा है। WHO और चिकित्सा विभाग की टीमें टीकाकरण कार्यक्रम का सर्वेक्षण कर रही हैं और यह सुनिश्चित कर रही हैं कि सभी बच्चों को आवश्यक टीके दिए जाएं ताकि इस महामारी पर जल्द काबू पाया जा सके।