Thursday, 19 September 2024

उपराष्ट्रपति धनखड़ पहुंचे तनोट माता के मंदिर में,सीमा सुरक्षा बल के जवानों के लिए कहा, राष्ट्र के प्रति आपका प्रेम एवं प्रतिबद्धता वंदनीय है, मैं आपको नमन करता हूं


उपराष्ट्रपति धनखड़ पहुंचे तनोट माता के मंदिर में,सीमा सुरक्षा बल के जवानों के लिए कहा, राष्ट्र के प्रति आपका प्रेम एवं प्रतिबद्धता वंदनीय है, मैं आपको नमन करता हूं

उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ अपनी धर्मपत्नी डॉ. सुदेश धनखड़ के साथ गुरुवार को दो दिवसीय दौरे पर जैसलमेर पहुंचे। जैसलमेर से उपराष्ट्रपति हेलीकॉप्टर द्वारा तनोट माता के मंदिर में पहुंचे जहां सीमा सुरक्षा बल के जवानों द्वारा उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया। उपराष्ट्रपति धनखड़ एवं उनकी धर्मपत्नी डॉ. सुदेश धनखड़ ने तनोट माता के दर्शन कर पूजा अर्चना की और समस्त देशवासियों के सुख, समृद्धि और खुशहाली के लिए प्रार्थना की।

दर्शन के उपरांत एक ट्वीट कर उपराष्ट्रपति धनखड़ ने कहा कि जैसलमेर में लोंगेवाला के समीप तनोट माता मंदिर में दर्शन का सौभाग्य मिला। मां के श्री चरणों में शीश झुका कर धन्य हुआ।' यह दिव्य मंदिर विषम परिस्थितियों में देश की रक्षा में तैनात जवानों की अटूट श्रद्धा का केंद्र है। तनोट माता से प्रार्थना है कि समस्त देशवासियों को सुख, समृद्धि और खुशहाली दें, सबकी मनोकामनाएं पूर्ण करें।

तनोट आगमन पर उप राष्ट्रपति धनखड़ का जैसलमेर जिला प्रमुख प्रताप सिंह सोलंकी, जिला कलेक्टर प्रताप सिंह, पुलिस अधीक्षक सुधीर चौधरी समेत सीमा सुरक्षा बल के उच्चाधिकारियों ने स्वागत किया।

इसके पश्चात् उपराष्ट्रपति धनखड़ अंतर्राष्ट्रीय सीमा पर बावलियांवाला चौकी पहुंचे और वहां तैनात बीएसएफ के जवानों से मुलाकात की। कठिन परिस्थितियों में देश की सीमाओं की रक्षा कर रहे सैनिकों की प्रशंसा करते हुए उपराष्ट्रपति ने कहा कि उनके साहस और त्याग के कारण ही सभी देशवासी चैन की नींद सो पाते हैं।

इस अवसर पर बीएसएफ़ जवानों का उत्साह वर्धन करते हुए उपराष्ट्रपति धनखड़ ने कहा कि आप लोगों का योगदान, आपकी तपस्या और कर्तव्यनिष्ठा अभिनंदनीय है, आप बेहद चुनौतीपूर्ण स्थिति में देश सेवा करते हो। उन्होंने कहा कि आज का भारत दुनिया के नक्शे पर अलग भारत है। सबसे तेज़ी से बढ़ती हुई अर्थव्यवस्थाओं में से है, कुछ वर्षों में हम विश्व की तीसरी बड़ी अर्थव्यवस्था होंगे। 2047 में विकसित भारत होगा, आप इस मैराथन के सिपहसालार हैं। आपका काम बहुत चुनौतीपूर्ण है, आपकी राष्ट्र भावना, राष्ट्र के प्रति आपका प्रेम, आपकी प्रतिबद्धता वंदनीय है। मैं आपको नमन करता हूँ, देश के जवानों पर मुझे गर्व है, आप सभी का अभिनंदन करता हूँ।

उपराष्ट्रपति धनखड़ ने कहा कि मैं सैनिक स्कूल का स्टूडेंट रहा हूँ, इसलिए भी आपसे बेहद लगाव है। जब मैंने यहाँ बच्चियों को देखा, तो कभी नहीं सोचा था कि हमारी बेटियाँ इतना उत्कृष्ट काम करेंगी। बेटियाँ आज कंधे से कंधा मिलाकर आगे बढ़ रहीं हैं। इस विषम परिस्थिति में भी राष्ट्र के प्रति आपका समर्पण अनुकरणीय है, मेरी यही कामना है कि आप सभी सुखी रहें।

उपराष्ट्रपति धनखड़ को धन्यवाद ज्ञापित करते हुए बीसएफ के महानिदेशक नितिन अग्रवाल ने कहा कि विषम परिस्थिति और मौसम के बीच उपराष्ट्रपति का यहाँ आकर जवानों की हौसला-अफ़ज़ाई करने के कदम ने सभी के अंदर एक नई ऊर्जा का संचार किया जिसके लिए वे उनके आभारी हैं।

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