सदियों से हमारे ऋषि मुनि बीमारियों के इलाज के लिए पेड़ पौधों पर ही निर्भर रहे हैं। कुछ पेड़ पौधों में इतने औषधीय गुण होते हैं कि इनको जादुई पौधा ही मान लिया गया है। ऐसा ही एक चमत्कारी पौधा हरसिंगार है। हरसिंगार का पौधा गुणों की खान है। इसमें बहुत सारे औषधीय गुण होते हैं।
डॉ. पीयूष त्रिवेदी आयुर्वेद चिकित्सा प्रभारी राजस्थान विधान सभा ने रोगियों पर किए अध्ययन में पाया कि हरसिंगार के सेवन से पुराने से पुराना बुखार, गठिया, मधुमेह इत्यादि ठीक किया जा सकता है।
उन्होंने बताया कि यदि हरसिंगार के पत्तों को उबालकर काढ़े के रूप में पिया जाए तो पुराने से पुराना बुखार जो ठीक न हो रहा हो ठीक हो जाता है। इसके अलावा इसकी पत्तियों को धो कर खाने से ये मधुमेह के रोगियों के लिए रामबाण सिद्ध होता है। शुगर के रोगी इसका काढ़ा बना कर भी पी सकते हैं। इसके काढ़े से शुगर के मरीजों को काफी राहत मिलेगा।
सौंदर्य को निखारने में भी है लाभदायक
हरसिंगार के फूलों को पीसकर इनका उबटन भी बनाया जाता है। यह उबटन सौंदर्य वर्धक होता है। इसके अलावा त्वचा रोग भी इसके सेवन से ठीक हो जाता है। गठिया का रोगी अगर इसकी पत्तियों को उबालकर बनाए गए काढ़े को पीता है तो उसका गठिया रोग भी ठीक हो जाता है। यह पौधा अपने आप में बहुत सारी खूबियां समेटे हुए है। विभिन्न मानसिक रोगों में भी हरसिंगार का उपयोग लाभदायक सिद्ध हुआ है।
डॉ.पीयूष त्रिवेदी आयुर्वेद चिकित्सा प्रभारी राजस्थान विधानसभा, जयपुर,9828011871.