



पंजाब के राज्यपाल गुलाबचंद कटारिया ने उदयपुर में महाराणा प्रताप को लेकर दिए अपने भाषण पर उपजे विवाद के बाद सार्वजनिक रूप से माफी मांगी है। कटारिया ने सोमवार को एक वीडियो संदेश जारी कर कहा कि यदि उनके भाषण में प्रयुक्त “प्रताप को हमने जिंदा किया” जैसे शब्दों से किसी की भावनाएं आहत हुई हैं, तो वे इसके लिए क्षमा चाहते हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि उनके मन में महाराणा प्रताप के प्रति अपार श्रद्धा और सम्मान है और उनके बयान का आशय किसी भी प्रकार से प्रताप के गौरव को कम करना नहीं था।
दरअसल, 22 दिसंबर को कटारिया उदयपुर जिले के गोगुंदा क्षेत्र की धूली घाटी में एक शिलान्यास कार्यक्रम में शामिल हुए थे, जहां उन्होंने महाराणा प्रताप के जीवन और संघर्ष पर भाषण दिया था। इस भाषण के कुछ अंश सामने आने के बाद कई सामाजिक संगठनों ने आपत्ति जताई और बयान को लेकर विरोध शुरू हो गया। विवाद उस समय और बढ़ गया, जब क्षत्रिय करणी सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष राज शेखावत ने सोशल मीडिया पर तीखी प्रतिक्रिया देते हुए धमकी भरे बयान दिए।
विवाद के बीच राज्यपाल कटारिया ने कहा कि उनके पूरे भाषण को संदर्भ सहित सुना जाना चाहिए। उन्होंने बताया कि जब वे 33 वर्ष की आयु में पहली बार विधायक बने थे, तब उन्होंने तत्कालीन मुख्यमंत्री भैरों सिंह शेखावत से आग्रह कर मेवाड़ कॉम्पलेक्स योजना को स्वीकृत करवाया था। इसी योजना के तहत कुंभलगढ़, गोगुंदा, चावंड और हल्दीघाटी जैसे ऐतिहासिक स्थलों के विकास की शुरुआत हुई, ताकि महाराणा प्रताप के जीवन और बलिदान को आमजन तक पहुंचाया जा सके।
कटारिया ने कहा कि उनके बयान को तोड़-मरोड़कर प्रस्तुत किया गया, जिससे अनावश्यक विवाद खड़ा हुआ। उन्होंने सभी से अपील की कि वे उनके शब्दों और भावनाओं को सही संदर्भ में समझें और किसी भी तरह के भ्रम से बचें।